बागपत : मत्स्यपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने पिछले दिनों सचिव, अलका उपाध्याय की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य संस्थान (सीसीएसएनएआईएच), बागपत में “बायोकंटेनमेंट सुविधा के उन्नयन और संबंधित मरम्मत कार्यों” के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इन कार्यों के लिए अनुमानित बजटीय व्यय 160 करोड़ रुपए का है और इसे 20 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना है.

इस अवसर पर विभाग, सीसीएसएनआईएएच, बागपत और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. विभाग के तत्वावधान में बागपत की शीर्ष प्रयोगशाला सीसीएसएनआईएएच, भारत में उपयोग किए जाने वाले पशु चिकित्सा टीकों और निदान के गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान है.

संस्थान की जैव नियंत्रण (बायोकंटेनमेंट) सुविधा साल 2010 में चालू की गई थी और संस्थान को पशु चिकित्सा जैविक एचएस (रक्तस्रावी सेप्टिसीमिया) और आरडी (रानीखेत रोग) के गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी गई है.

अपनी तय भूमिका के अलावा, संस्थान को एलएच एंड डीसी कार्यक्रम के तहत एफएमडी, ब्रुसेला, पीपीआर और सीएसएफ टीकों के क्यूसी परीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

बदलती तकनीक और सुरक्षा मानकों को देखते हुए ऐसी सुविधाओं के संचालन के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करना और उन से प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है.

इस प्रकार, पशुधन स्वास्थ्य की चुनौतियों का सामना करने और विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा निर्धारित जैव सुरक्षा और उस के मानकों को पूरा करने के लिए इस सुविधा को उन्नत करने की योजना बनाई गई है.

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