हिसार : लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुवास के विस्तार शिक्षा निदेशालय एवं पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कुलपति प्रो. (डा.) विनोद कुमार वर्मा के दिशानिर्देशन व डा. देवेंद्र बिढान की अध्यक्षता में हिसार के रावलवास खुर्द में पशुपालक गोष्ठी का आयोजन किया गया. पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. देवेंद्र बिढान ने बताया कि इस गोष्ठी का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की भैंस सुधार नेटवर्क परियोजना के लुवास सैंटर के एससीएसपी फंड के तहत किया गया.

कार्यक्रम में विस्तार शिक्षा निदेशक डा. वीरेंद्र पंवार ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की. उन्होंने पशुपालक महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि लुवास पशुपालकों के द्वार तक पहुंचने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है. आज की पशुपालक गोष्ठी भी इसी कड़ी में आयोजित की गई है.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि पशुपालन में महिला पशुपालकों की भागीदारी व उन की व्यस्तता को देखते हुए विश्वविद्यालय ही पशुपालकों के द्वार पर पशुपालन से संबंधित तौरतरीकों से अवगत करवाने के लिए पहुंच रहा है. पशुपालन में नस्ल के चुनाव के साथसाथ वैज्ञानिक तरीके से पशुओं का पोषण प्रबंधन, प्रजनन प्रबंधन और आवास प्रबंधन भी उतना ही जरूरी है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए वैज्ञानिक तौरतरीकों को अपने व्यवसाय में अपनाएं और दूसरे पशुपालक बहनों को भी इन के बारे में जागरूक करें. हमें पशुओं को संतुलित व पौष्टिक आहार देने की कोशिश करनी चाहिए. पशुओं को संतुलित आहार देने से पशुओं की उचित वृद्धि एवं अधिक उत्पादन होता है.

उन्होंने सभी पशुओं को उचित मात्रा में खनिज मिश्रण खिलाने पर बल दिया और प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि पशुपालन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय हमेशा पशुपालकों के साथ खड़ा रहेगा.

इस गोष्ठी में अनुसूचित जाति की 50 महिलाओं ने भाग लिया. गोष्ठी में डा. मान सिंह, डा. मनोज कुमार वर्मा और रावलवास खुर्द के पशु चिकित्सक डा. राकेश ने अपनेअपने  व्याख्यानों से प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया.

गोष्ठी का सफल संचालन डा. दिपिन चंद्र यादव एवं डा. सरिता के द्वारा किया गया. इस मौके पर गांव के सरपंच व अन्य व्यक्ति भी मौजूद रहे.

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