देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 27 अप्रैल, 2023 को इफको के नैनो लिक्विड डीएपी उर्वरक को कामर्शियल बिक्री के लिए लांच किया. इस की 500 मिलीलिटर की एक बोतल की कीमत तकरीबन 600 रुपए होगी. यह कीमत पारंपरिक डीएपी की मौजूदा कीमत से भी कम है. इस उपलब्धि से भारत की आयात निर्भरता कम होगी.

दाम में कम काम में दम

वर्तमान में पारंपरिक डीएपी का एक 50 किलोग्राम का बैग किसानों को 1,350 रुपए में बेचा जाता है.

दुनिया की पहली नैनो तरल डीएपी की एक बोतल (500 मिलीलिटर) पारंपरिक डीएपी के एक बैग (50 किलोग्राम) के बराबर होगी, जिस की कीमत भी महज 600 रुपए होगी.

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इफको के नैनो (तरल) डीएपी उर्वरक को कामर्शियल बिक्री के लिए लांच करने से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है. इस सफलता से सभी राष्ट्रीय सहकारी समितियों को नए क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जा सकता है.

कृषि क्षेत्र में भारत के किसानों को फायदा

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इफको नैनो डीएपी (तरल) प्रोडक्ट का लांच किसानों के उत्पादन और फर्टिलाइजर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम है.

सरकार के इस प्रयास से कृषि क्षेत्र में खास बदलाव लाने के साथसाथ भारत को निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। इस से किसानों को भी लाभ होगा.

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

भारत के कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग कर के किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा, इस बात को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि नैनो तरल डीएपी के उपयोग से सिर्फ पौधे पर छिड़काव के माध्यम से उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाया जा सकता है और भूमि को भी संरक्षित किया जा सकता है. इस से भूमि को पूर्ववत करने में काफी मदद मिलेगी और दानेदार यूरिया के उपयोग से भूमि और फसल दोनों को संरक्षित रखा जा सकता है.

लिक्विड नैनो यूरिया व डीएपी का प्रयोग करें

दानेदार यूरिया व डीएपी की जगह लिक्विड नैनो यूरिया व डीएपी का प्रयोग करें, क्योंकि इस से उन्हें अधिक फायदा होगा. दानेदार यूरिया का उपयोग बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, इसलिए लिक्विड नैनो यूरिया का प्रयोग करने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

नैनो तरल डीएपी बनाम दानेदार डीएपी

एक बोतल नैनो तरल डीएपी में 500 मिलीलिटर की मात्रा होती है, जो एक बोतल 45 किलोग्राम यूरिया के बराबर फसल पर असर डालती है. नैनो डीएपी से भूमि बहुत कम मात्रा में कैमिकलयुक्त होती है, क्योंकि यह तरल होता है.

किसान तरल डीएपी और तरल यूरिया का उपयोग कर के अपनी भूमि में केंचुओं की तादाद बढ़ा सकते हैं, जो उन के उत्पादन और आय को बढ़ाते हैं बिना फर्टिलाइजर के उपयोग किए, इस से भूमि का संरक्षण भी होता है.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत जैसे देशों में जहां कृषि और इस से संबंधित व्यवसायों के साथ आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा जुड़ा हुआ है, ये कदम कृषि को बहुत आगे बढ़ाने में मदद करेगा और भारत को फर्टिलाइजर उत्पादन व कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा.

सहकारी समितियों का खास योगदान

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि देश में फर्टिलाइजर 384 लाख मीट्रिक टन बनाया जाता है, जिस में से 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन सहकारी समितियों द्वारा होता है. इस में से इफको ने 90 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर उत्पादित किया है.

उन्होंने कहा कि इफको, कृभको जैसी सहकारी समितियों का फर्टिलाइजर, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता में बहुत बड़ा योगदान है.

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