बालाघाट : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि कोदो या कुटकी हमारी सांस्कृतिक विरासत है. इस विरासत का बालाघाट जिले में इतिहास 3,000 साल पुराना इतिहास है. बालाघाट सिर्फ वन्यजीव, वन, खनिज संसाधनों के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि इस की पहचान यहां उत्पादित होने वाले मोटे अनाज से भी है. शासन मोटे का उत्पादन और संवर्धन करने के लिए लगातार काम कर रही है. अब रानी दुर्गावती अन्न प्रोत्साहन योजना संवर्धन और उत्पादन की दिशा में काम करने के साथ ही किसानों को अधिक मुनाफा देने के लिए शासन द्वारा 1,000 रुपए का अनुदान किसानों को दिया जा रहा है. साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा इस साल कोदो 4290 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा भी की गई है.
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने आगे यह भी कहा कि शासन के प्रयासों से मिलेट मिशन में अन्न फसलों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. बालाघाट में ही यह रकबा 10,000 हेक्टेयर होता था. अब इस का रकबा 15,200 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव पिछले दिनों बालाघाट में अन्न उत्सव व किसान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे.
अब किसान अन्न उत्पादन के साथ ही ऊर्जा उत्पादक भी बनेंगे
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने किसानों को अन्न उत्सव व किसान सम्मान समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन अब सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की ओर बढ़ रही है. इस में किसानों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. प्रदेश के किसान को अन्न उत्पादन के साथ ही बिजली उत्पादक भी बनाया जाएगा.