शहडोल : कमिश्नर, शहडोल संभाग, बीएस जामोद ने कहा है कि कम खेती में अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को कृषि की नई तकनीक सीखनी होगी. कमिश्नर ने कहा कि किसान उन्नत बीजों का उपयोग करें, खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग करते हुए उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग कर खेती से अच्छी पैदावार ले सकते हैं. उन्होंने माना है कि शहडोल संभाग के किसान रासायनिक खादों का कम उपयोग करते हैं.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि किसानों को रासायनिक खादों का उपयोग भी संतुलित तरीके से करना चाहिए, वहीं जैविक खाद के उपयोग को भी बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए.
कमिश्नर बीएस जामोद ने किसानों को समझाइश देते हुए कहा कि किसान पशुपालन, मत्स्यपालन, मुरगीपालन कर अतिरिक्त आय अर्जित करने के प्रसास भी करें. वे शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील के ग्राम चटहा में आयोजित कृषक प्रशिक्षण एवं खरीफ फसलों के बीज वितरण एवं किसान संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा कि कृषि की लागत को कम करने के लिए किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें, सही समय पर फसलों की बोआई करें और दवाओं का छिड़काव भी समय पर करें.
उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए और कृषि के अलावा अन्य अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा. खेती के अलावा किसानेां को उद्यानिक फसलों की ओर भी ध्यान देना होगा.
किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कलक्टर तरुण भटनागर ने कहा कि शहडोल जिले में पिछले वर्ष से इस वर्ष अच्छी बारिश हो रही है और फसलों की बोआई का लक्ष्य भी ज्यादा है.
उन्होंने किसानों से कहा कि किसान फसलों की बोआई समय पर करें. शहडोल जिले में धान की खेती ज्यादा होती है. कलक्टर ने किसानो को समझाइश देते हुए कहा कि धान की फसल को पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है. उन्होंने सुझाव दिया कि जहां पानी कम है, ऐसे खेतों में धान की बोआई न करते हुए किसान मोटे अनाज जैसे कोदो, कुटकी भी लगा सकते हैं.
कलक्टर बीएस जामोद ने कहा कि शहडोल जिले में जैविक खाद के उपयोग पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. शहडोल जिल में जल गंगा संवर्धन में लगभग 2,000 से ज्यादा जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है, इन जनसंरचनाओं का उपयोग किसान मछलीपालन के लिए करें.
उन्होंने कहा कि शहडोल जिले में मछलीपालन की विपुल संभावनाएं हैं. किसान मत्स्यपालन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकता है.
कलक्टर ने किसानों को बताया कि शहडोल जिले में कटक से सीआर 310 धान के बीज मंगाए गए हैं. किसान धान की इस किस्म का भी उपयोग कर सकते हैं. कलक्टर ने अरहर की पूसा -16 किस्म की जानकारी किसानों को देते हुए बताया कि शहडोल जिले के किसानों के लिए यह बीज फायदेमंद साबित होगा, पूसा -16 अरहर की बीज कम समय में पकने वाली है. इसे लगा कर किसान अरहर की अच्छी फसल ले सकते हैं.
किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य महीलाल कोल ने कहा कि किसान खेती में पैदावार बढाने के लिए मिट्टी का परीक्षण भी कराएं और संतुलित खाद का भी उपयोग करें.
किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संयुक्त संचालक, कृषि, शहडोल संभाग जेएस पेंद्राम ने कहा कि किसान खेती के साथसाथ पशुपालन, मत्स्यपालन, मुरगीपालन भी करें, इस से उन की आय में वृद्धि होगी.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि निरंतर सोयाबीन की फसल लेने से जमीन की उर्वरता में कमी आती है. उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वह मक्के और ज्वार की खेती कर खेती की उर्वरता बढ़ा सकते हैं.
जेएस पेन्द्राम ने कहा कि किसान गोबर खाद का भी उपयेाग करें और समन्वित खेती करने का प्रयास करें.
किसान संगोष्ठी में सहायक संचालक, मत्स्य, राजेश वास्तव, पशु चिकित्सा अधिकारी डा. दिलीप प्रजापति, उपयंत्री कृषि अभियांत्रिकी रितेश पयासी एवं सहायक संचालक उद्यानिकी ने किसानों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी विस्तारपूर्वक दी.
इस अवसर पर जनपद उपाध्यक्ष शक्ति सिंह, जनपद सदस्य विक्रम सिंह, एसडीएम अरविंद शाह, उपसंचालक, कृषि, आरपी झारिया, तहसीलदार दिव्या सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ममता मिश्रा एवं किसान उपस्थित रहे.
किसान संगोष्ठी में कमिश्नर, कलक्टर एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा किसानों को खरीफ सीजन में बोने वाली फसलों के बीजों के मिनी किट्स भी निःशुल्क दिए गए. इस अवसर पर किसानों को पौध रोपण के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा निःशुल्क आंवले के पौधे मुहैया कराए गए.