सिवनी : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ ले कर मछलीपालन कर अच्छी आय प्राप्त कर रहे मो. अब्दुल वहाब खान सिवनी में केंद्र व राज्य शासन द्वारा युवाओं के कौशल उन्नयन और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रहे हैं.
शासन की कल्याणकारी योजनाओं का मैदानी स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहा है. इन योजनाओं का लाभ ले कर बेरोजगार युवकयुवतियां विभिन्न उद्यमों का संचालन करते हुए आत्मनिर्भर हो रहे हैं. साथ ही, अपनी एक अलग पहचान भी बना रहे हैं. आज अनेकों युवा उद्यमी स्वयं बेहतर जीवन जीने के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध करवा कर समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं.
ऐसा ही उदाहरण सिवनी जिले के विकासखंड बरघाट के गांव अरी के रहने वाले मो. अब्दुल वहाब खान का भी है, जिन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ ले कर मछलीपालन का काम शुरू किया. आज वे इस काम से बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं.
वे बताते हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ ले कर उपसंचालक, मत्स्य मरावी के मार्गदर्शन में 1.50 हेक्टेयर भूमि में तालाब बनाने का काम कराया, जिस पर मत्स्य विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में हितग्राही मो. अब्दुल वहाब खान को तालाब निर्माण की इकाई लागत राशि 10.50 लाख रुपए पर 4.20 लाख रुपए एवं इनपुट्स इकाई लागत राशि 6.00 लाख रुपए पर राशि 2.40 लाख रुपए, इस प्रकार कुल 6.60 लाख रुपए का अनुदान दिया गया.
मत्स्य किसान मो. अब्दुल वहाब खान ने बताया कि वे उक्त भूमि में धान की खेती करते थे, जिस में लागत की अपेक्षा मुनाफा कम होता था. उन्होंने तालाब बनाने के बाद साल 2022-23 में 65,000 पंगेशियस मत्स्य बीज का संचयन किया था, जिस से 55 मीट्रिक टन पंगेशियस मछली का उत्पादन हुआ. उत्पादित मत्स्य को हितग्राही द्वारा औसत 90 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में बेचा गया, जिस से उन्हें शुद्ध आय तकरीबन 9 लाख प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई.
इसी तरह मो. अब्दुल वहाब खान ने साल 2023-24 में 1.00 लाख पंगेशियस मत्स्य बीज का संचयन किया. वर्तमान समय तक उन के द्वारा 5 मीट्रिक टन मछली का विक्रय किया जा चुका है एवं 80-85 मीट्रिक टन पंगेशियस मछली के उत्पादन की उम्मीद है.
चूंकि पंगेशियस मछली के पालन में प्रोटीनयुक्त पूरक आहार का उपयोग किया जाता है एवं एक किलोग्राम मछली के उत्पादन में लगभग 1.50 किलोग्राम पूरक आहार की आवश्यकता होती है.
हितग्राही मो. अब्दुल वहाब खान ने बताया कि मछली के उत्पादन में लगने वाले कुल लागत के बाद उन्हें प्रति हेक्टयर 11-12 लाख का आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है.