एक अच्छी दुधारू गाय या भैंस वह मानी जाती है जो हर साल एक बच्चा दे. पशु प्रजनन वैज्ञानिकों के मुताबिक भैंस के एक ब्यांत को 305 दिन का माना जाता है जो लगभग 10 महीने हुए और गाय का गर्भकाल 9 महीने के आसपास माना जाता है. इन दोनों के ब्यांत का समय हफ्ता 10 दिन आगेपीछे हो सकता है. यानी गाय का गर्भकाल भैंस के मुकाबले 1 महीना कम होता है. अगर हम भैंस से हर साल 1 बच्चा लेने में कामयाब हो जाते हैं तो गाय से भी आसानी से हर साल एक बच्चा ले सकते हैं.

लेकिन कई बार ऐसा नहीं भी हो पाता है, चाहे कारण कोई भी हो. हो सकता है कि पशुओं को वह पौष्टिक खुराक नहीं मिल पाई हो जिस के कारण उन में बांझपन की समस्या बन जाती है. ज्यादातर पशु ब्याने के 6-7 महीने बाद हीट में आते हैं और हमारे पशुपालक इस तरफ गौर नहीं करते हैं. अगर ब्याने के बाद 2 महीने के अंदरअंदर पशु हीट में नहीं आता है तो आप को उस पशु से काफी नुकसान हो रहा है और आप को इस बात का एहसास भी नहीं होता क्योंकि आप ने कभी गहराई से व्यापारी की तरह हिसाब लगाया ही नहीं.

आमतौर पर एक पशु का दूध 5-6 ब्यांत तक बेहतर मिलता है. अगर कोई पशु हर साल एक बच्चा देता है तो हमें उस पशु से 5 साल में 5 बच्चे मिलेंगे और हमें पूरे 5 ब्यांत का दूध मिलता है. जो पशु हर साल एक बच्चा देते हैं, आमतौर पर उन का दूध न देने का समय 2 महीने का होता है. लेकिन जो पशु ब्याने के बाद समय से हीट में न आ कर देरी से हीट में आते  हैं तो उन का ड्राई पीरियड भी ज्यादा होता है मतलब जो पशु 4 महीने देरी से हीट में आता है तो उस का ड्राई पीरियड 2 महीने न हो कर ज्यादा होगा यानी अगर कोई पशु ब्याने के बाद 4 महीने से देरी में हीट में आता है तो आप को उस से 5 साल में 4 बच्चे ही मिलेंगे. इस तरह 4 महीने देरी से हीट में आने के कारण आप को निम्नलिखित नुकसान होते हैं:

* पशु से 5 सालों के अंदर एक बच्चा कम मिलता है.

* पशु से एक ब्यांत का दूध कम मिलता है.

* पशु का ड्राई पीरियड 8 महीने ज्यादा होता है.

आमतौर पर एक सामान्य प्रजाति की भैंस अगर वह मुर्राह नस्ल की नहीं है तो भी 3500 लिटर दूध तो देती ही है और 8 महीने का जो ड्राई पीरियड ज्यादा हो गया उस में उस ने 3500 लिटर के हिसाब से 2800 लिटर दूध देना था. इस तरह 4 महीने देरी से हीट में आने के चलते आप को एक ब्यांत का 3500 लिटर दूध व ज्यादा ड्राई पीरियड का 2800 लिटर दूध कम मिलता है. इस तरह 5 साल में आप को 3500+2800= 6300 लिटर दूध कम मिलता है.

अब बात आती है कि इस नुकसान से कैसे बचा जा सकता है. तो इस के लिए आप को कोई खास उपाय नहीं करना है. अपने पशुओं को सिर्फ बायोबीऔन गोल्ड 30-35 ग्राम रोजाना खिलाना है. अगर आप नियमित रूप से अपने पशुओं को बायोबीऔन गोल्ड खिलाते रहेंगे तो आप के पशुओं में कभी भी बांझपन व बारबार गाभिन होने की समस्या नहीं आएगी.

यह जानकारी कंपनी के अनुसार दी गई है. सलाह के लिए आप एैनिमैक्स फार्मा प्रा. लि. के मोबाइल नंबर 09891321775 पर बात कर सकते हैं.

पशुओं को कैसे दें बायोबीऔन

*             300 किलोग्राम फीड में 1.2 किलोग्राम बायोबीऔन गोल्ड पाउडर मिलाना है.

*             मछलीपालन के लिए 1000 किलोग्राम फीड में 5 किलोग्राम बायोबीऔन गोल्ड पाउडर मिलाना है.

*             छोटे बच्चों के लिए रोजाना 20 से 30 ग्राम.

*             कटिया के लिए रोजाना 30 से 40 ग्राम.

*             बड़े पशु के लिए रोजाना 50 से 60 ग्राम.

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