हिसार : हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज के मार्गदर्शन में मधुक्रांति परियोजना के अंतर्गत मधुमक्खीपालन पर कीट विज्ञान विभाग में 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण एचएयू एवं इंडियन औयल कारपोरेशन लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध के तहत दिया गया.

विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करने के साथसाथ उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मधुमक्खीपालन का प्रशिक्षण दिया गया. हरियाणा के भूमिहीन बेरोजगार, अशिक्षित ग्रामीण पुरुष व महिला किसानों में मधुमक्खीपालन के प्रति रुचि पैदा करने के साथसाथ छोटी मधुमक्खीपालन की इकाइयां स्थापित करने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि बेरोजगार, अशिक्षित और कम जोत वाले किसान मधुमक्खीपालन को रोजगार के रूप में अपना कर अपनी माली हालत को मजबूत कर सकते हैं. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मधुमक्खीपालन को खासकर महिलाओं में लोकप्रिय बना कर उन के लिए स्वरोजगार स्थापित करना है.

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसान न केवल खुद का व्यवसाय स्थापित करेंगे, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम होंगे. मधुमक्खीपालन अपनाने से किसानों और खासतौर से महिलाओं के लिए आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे.

कीट विज्ञान विभाग की अध्यक्ष व परियोजना अधिकारी डा. सुनीता यादव ने बताया कि प्रशिक्षकों को मधुमक्खीपालन इकाई की स्थापना के लिए नि:शुल्क मधुमक्खी बक्से एवं आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी.

उन्होंने आगे बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र की देखरेख में प्रशिक्षुओं को उन के उत्पादों की मार्केटिंग करने के बारे में भी मदद की जाएगी. कृषि विज्ञान केंद्र, करनाल के वरिष्ठ संयोजक डा. महा सिंह जागलान ने करनाल जिले के विभिन्न गांवों से इस प्रशिक्षण के लिए 30 प्रतिभागियों का चयन किया.

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