बुरहानपुर : शासन के महत्वपूर्ण अभियान ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ के तहत जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का परिणाम सामने आने लगा है. बारिश के मौसम में विभिन्न गांवों की चिन्हित जगहों, पहाड़ियों पर रोपे गए बीजों से अब अंकुरण दिखाई देने लगा है. निश्चित ही आगे यह क्षेत्र को हराभरा करने एवं समृद्ध बनाने में सहयोगी है.

कलक्टर भव्या मित्तल के मार्गदर्शन में ग्राम चिंचाला, भोलाना, इच्छापुर, फोफनार, झांझर, बोदरली, चाकबारा, जाफरपुरा, बिरोदा, सेलगांव, धुलकोट आदि क्षेत्रों में कुछ दिनों पहले ही पलाश के लगभग 1 लाख, 20 हजार बीज, देशी बबूल के 10 हजार बीज, टेमरू के 1 हजार बीज रोपित किए गए थे] वहीं लगभग 25 हजार सीड बौल डाली गई थी, जिस में अब अंकुरण दिखाई देने लगे हैं.

बुरहानपुर को हराभरा बनाने की सीरीज में एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से असीरगढ़ किले के सामने की पहाड़ी पर पलाश के लगभग 5 हजार बीजों का रोपण भी किया गया. इस अवसर पर अपर कलक्टर वीरसिंह चौहान, डिप्टी कलक्टर राजेश पाटीदार, उपसंचालक, कृषि,  मनोहर सिंह देवके, पटवारी, गांव वाले, ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सहायक सभी ने संयुक्त रूप से सहभागिता करते हुए बीजों का रोपण किया.

अभियान के तहत आगे भी बीज रोपण का सिलसिला जारी रहेगा. डिप्टी कलक्टर राजेश पाटीदार ने बताया कि कार्ययोजना के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा बीजरोपण का काम चयनित स्थलों पर निर्धारित मापदंड के अनुसार किया जा रहा है. पलाश के पेड़ पर्यावरण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं. इस से भूमि की उर्वरता तो बढ़ेगी ही, साथ ही साथ मिट्टी का कटाव भी रुकेगा. इस की खासियत यह है कि इस के पत्ते का उपयोग दोनापत्तल बनाने में किया जाता है. यह पर्यावरण हितैषी भी होता है. इन पेड़ों से स्थानीय जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है और यह पर्यावरण संतुलन को बनाने में सहायक होते हैं.

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