भागलपुर : पिछले दिनों कृषि विज्ञान केंद्र, भागलपुर में कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिस का उद्घाटन बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आरके सोहाने ने किया. इस में किसानों को खेती के नवीनतम नवाचारों से सशक्त बनाने और नईनई अनाज, दलहन और तिलहन फसलों के प्रभेदों के बारे में जानकारी दी गई.

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आभासी रूप से 109 विभिन्न जलवायु अनुकूल और बायोफोर्टिफाइड फसलों की किस्मों का विमोचन था, जिसे भारतीय कृषि अनुशंधान द्वारा विकसित किया गया है.

उन्होंने नई उन्नत किस्मों का विमोचन किया, जो वर्तमान परिस्थितियों में अनाज, दलहन और तिलहन फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगी. ये किस्में न केवल जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में सक्षम हैं, बल्कि इन की उपज भी पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक है.

इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आरके सोहाने ने बताया कि कुपोषण की समस्या से निबटने और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बायोफोर्टिफाइड फसलों की नई उन्नत किस्मों को विकसित भारतीय कृषि अनुशंधान द्वारा किया गया है. इन किस्मों में विशेष रूप से धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का शामिल हैं, जिन्हें आयरन और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से समृद्ध किया गया है.

केवीके के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा. राजेश कुमार ने बताया कि नई किस्में किसानों की उपज के साथसाथ आय भी दोगुनी करने में मिल का पत्थर साबित होंगी. इस मौके पर इंजीनियर पंकज कुमार, डा. ममता कुमारी, डा. पवन कुमार, डा. मनीष राज, अंजुम हासिम, शशिकांत आदि मौजूद थे.

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