नई दिल्ली : फास्फेट और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए सरकार ने 1 अप्रैल, 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना लागू की है. एनबीएस योजना के तहत  सब्सिडी प्राप्त पीएंडके उर्वरकों पर डाईअमोनियम फास्फेट (डीएपी) सहित उन में निहित पोषक तत्व के आधार पर वार्षिक/द्विवार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है.

इस योजना के अंतर्गत उर्वरक कंपनियों द्वारा बाजार की गतिशीलता के अनुसार उचित स्तर पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय की जाती है, जिस की निगरानी सरकार द्वारा की जाती है. पीएंडके क्षेत्र नियंत्रणमुक्त है और एनबीएस योजना के अंतर्गत कंपनियां बाजार की गतिशीलता के अनुसार उर्वरकों का उत्पादन/आयात पहल करने के लिए स्वतंत्र हैं.

इस के अलावा किसानों को सस्ते दामों पर डीएपी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किया है. भू राजनीतिक स्थिति के कारण हाल ही में साल 2024-25 में उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी की खरीद की व्यवहार्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण सरकार ने किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पीएंडके उर्वरक कंपनियों को 1 अप्रैल, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 की अवधि के लिए डीएपी की वास्तविक पीओएस (प्वाइंट औफ सेल) बिक्री 3,500 रुपए प्रति मीट्रिक टन पर एनबीएस दरों से परे डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी प्रदान की है. इस के अलावा पीएंडके उर्वरक कंपनियों द्वारा तय एमआरपी की तर्कसंगतता के मूल्यांकन पर जारी दिशानिर्देश भी किसानों को सस्ते दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं.

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