हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कपास अनुभाग के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कपास की फसल का फील्ड में लगातार सर्वे किया जा रहा है. सर्वे के दौरान गुलाबी सुंडी के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण के द्वारा जागरूक भी किया जा रहा है.

यह जानकारी देते हुए कपास विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डा. करमल सिंह ने बताया कि हिसार व फतेहाबाद जिलों के विभिन्न गांवों में सर्वे कर के उस पर आधारित कपास में गुलाबी सुंडी व अन्य बीमारियों से बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है. अब तक किए गए सर्वे में यह पाया गया है कि राजस्थान से सटे हुए गांवों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप 10 से 35 फीसदी तक का असर देखा गया है, वहीं भिवानी व हिसार जिलों में गुलाबी सुंडी का असर 10 फीसदी तक है.

कपास अनुभाग व कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गांवों में कृषि मेले भी आयोजित किए गए हैं. गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कपास की फसल अच्छी है और इस बार पहले के मुकाबले कपास की अधिक पैदावार और मुनाफे की संभावना है.

डा. करमल सिंह ने बताया कि गत एक माह से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एडीओ, बीएओ, एसडीएओ, एटीएम, बीटीएम और सुपरवाइजर को हरियाणा एग्रीकल्चरल मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, जींद में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

उन्होंने आगे बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को विश्वविद्यालय में कपास अनुभाग में कपास के खेतों का भ्रमण भी करवाया जा रहा है. कपास अनुभाग द्वारा महीने में 2 बार कपास की उन्नत खेती करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की जाती है.

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