हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि महाविद्यालय के सभागार में विश्व उद्यमी दिवस के अवसर पर छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. ‘भारत @-2047 समृद्ध एवं महान भारत’ विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार उपस्थित रहे.

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि उद्यमिता के माध्यम से हम देश को सशक्त व महान बना सकते हैं. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र की प्रगति एवं समृद्धि के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम करें, ताकि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सके. समृद्ध एवं महान भारत बनाने के लिए युवाओं को दृढ़ संकल्प के साथ दिनरात मेहनत करनी होगी.

उन्होंने युवाओं को मार्गदर्शक की भूमिका निभाने के लिए आगे आने का भी आह्वान किया. विद्यार्थियों को उच्च आदर्शों एवं संस्कारों से परिपूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए देश में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की कोई कमीं नहीं है. सभी व्यक्तियों को सरकारी सेवाएं उपलब्ध नहीं हो सकती हैं, इसलिए स्वावलंबी भारत अभियान के तहत युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और समृद्ध एवं खुशहाल भारत के निमार्ण के लिए ग्रामीण स्तर पर लघु औद्योगिक इकाइयां स्थापित करनी होंगी. किसानों की माली स्थिति को मजबूत करने के लिए गेहूं को गेहूं के तौर पर नहीं, बल्कि इस के उत्पाद बना कर बेचने होंगे. विकसित भारत के लिए आर्थिक समृद्धि भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना भी विकसित भारत की महत्वपूर्ण चुनौती है. उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है. इस के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है. कार्यक्रम में कुलपति व मुख्य वक्ता ने एक पुस्तक का विमोचन किया और कृषि महाविद्यालय के परिसर में पौधारोपण भी किया.

भारत को महान बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका

मुख्य वक्ता सतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि समृद्ध एवं महान भारत बनाने के लिए स्वावलंबी भारत अभियान योजनबद्ध ढंग से समूचे देश में चलाया जा रहा है. युवा पीढ़ी को विकसित भारत बनाने के लिए काम करना होगा. इस के लिए उन्होंने 8 स्तंभ का भी उल्लेख किया, जिन में वाइब्रेंट डेमोक्रेसी, पूर्ण रोजगारयुक्त भारत, वैश्विक सर्वोच्च अर्थव्यवस्था, अभेद सुरक्षा तंत्र वाला भारत, विज्ञान एवं तकनीकी में अग्रणी भारत, पर्यावरण हितैषी भारत, विश्व बंधुत्व वाला भारत व उच्च जीवन मूल्यों से युक्त भारत शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए पहली बार कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का भी गठन किया गया है. उद्यमिता की ओर राष्ट्र तीव्र गति के साथ आगे बढ़ रहा है. उद्यमिता के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत सफलता की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है, बल्कि इस से समाज में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं.

एचएयू की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को उद्यमी बनाने में लगातार प्रशिक्षण प्रदान करने का अग्रणी काम कर रहा है.

हकृवि के रिटायर्ड प्रोफेसर डा. वीपी लोहाच ने बताया कि स्वावलंबी भारत अभियान के 4 पिलर बताए, जिन में स्वदेशी, विकेंद्रीकरण, उद्यमिता और सहकारिता शामिल है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप पूनियां ने अपने संबोधन में कहा कि वे संकल्प ले कर जाएं कि नौकरी लेने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनूंगा.

छात्र कल्याण निदेशक डा. मदन खीचड़ ने गोष्ठी में आए हुए सभी लोगों का स्वागत किया और कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने धन्यवाद किया. मंच का संचालन छात्रा अन्नु ने किया. इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षक, गैरशिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

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