ग्वालियर : एफपीओ एवं एआईएफ योजना की निगरानी समिति की बैठक सहशिविर आयोजित कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ें. सभी एफपीओ लाइसैंस लें और अपना व्यवसाय बढ़ाएं. एफपीओ को शासन की ओर से पूरा सहयोग दिलाया जाएगा.
यह बात जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने एफपीओ एवं एआईएफ (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड) की जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक सहशिविर में कही. उन्होंने कहा कि एफपीओ से जुड़ कर किसान अपनी आमदनी में बड़ा इजाफा कर सकते हैं. ज्ञात हो कि जिले में वर्तमान में 11 हजार एफपीओ संचालित हैं.
जिला पंचायत के सीईओ विवेक कुमार ने एफपीओ से संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे समयसमय पर एफपीओ का भ्रमण करते रहें और जिले के सभी एफपीओ की निरंतर मौनीटरिंग हो. एफपीओ को बिजनैस मौडल के आधार पर काम करने के लिए प्रेरित करने पर उन्होंने बल दिया. साथ ही, यह भी कहा कि एफपीओ को जो समस्याएं आ रही हैं, उन के समाधान के लिए विभागीय अधिकारी उचित मार्गदर्शन दें.
कलक्ट्रेट के सभागार में बीते रोज राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग के तत्वावधान में आयोजित हुई बैठक में जिले में संचालित केंद्र पोषित योजना के अंतर्गत सभी 11,000 एफपीओ की वित्तीय स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई, जिस में एफपीओ का टर्नओवर, लाभहानि, शेयरधारकों की संख्या, सभी एफपीओ के लिए जरूरी लाइसैंस जैसे सीड, पैस्टिसाइड, फर्टिलाइजर, मंडी, जीएसटी, एफएसएसएआई इत्यादि शामिल हैं. साथ ही, सभी एफपीओ के मार्केट लिंकेज के लिए ओएनडीसी औनबोर्डिंग की स्थिति, बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत करने में कोलेट्रल सिक्युरिटी की समस्या एवं कृषक उत्पादक संगठन की विश्वसनीयता में वृद्धि करने और लिंकेज पर मार्गदर्शन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई.
शिविर का संचालन नाबार्ड के जिला प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने किया. इस अवसर पर उपसंचालक कृषि आरएस शक्यवार द्वारा खाद, बीज एवं फर्टिलाइजर के लाइसैंस, मंडी सचिव कदम सिंह द्वारा मंडी लाइसैंस, कृषि विज्ञान केंद्र एवं आत्मा के अधिकारियों द्वारा किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. मछली विभाग के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी.
बैठक में जिले के कृषि एवं संबंधित विभाग, एलडीएम, एनसीडीसी, सीबीबीओ एवं जिले में संचालित समस्त कृषक उत्पादक संगठन के सीईओ एवं डायरेक्टर शामिल रहे.