नई दिल्ली : कृषि प्रौद्योगिकी आकलन और स्थानांतरण केंद्र एवं कृषि प्रसार संभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा ‘मक्का आधारित फसल विविधीकरण’ विषय पर वैज्ञानिककिसान संवाद आयोजित किया गया, जिस में संस्थान के वैज्ञानिकों एवं ग्राम मंडोरा, खरखोदा, सोनीपत के 40 किसानों ने हिस्सा लिया.

कार्यक्रम में डा. रवींद्रनाथ पडारिया, संयुक्त निदेशक (प्रसार), डीपी गोयल, अध्यक्ष 40 गांव विकास परिषद, सोनीपत, डा. सत्यप्रिय, अध्यक्ष कृषि प्रसार संभाग, डा. एके सिंह, प्रभारी कैटेट, डा. गोपाल कृष्ण, अध्यक्ष आनुवंशिकी संभाग, डा. संजय सिंह राठौड़, अध्यक्ष सस्य विज्ञान संभाग, डा. देबाशीस, अध्यक्ष मृदा विज्ञान संभाग, डा. दिनेश कुमार, अध्यक्ष खाद्य प्रसंस्करण शामिल हुए.

मक्का में शोध कर रहे वैज्ञानिक डा. फिरोज हुसैन, प्रधान वैज्ञानिक आनुवंशिकी, डा. विगनेश एम., वैज्ञानिक आनुवंशिकी, डा. राजकुमार, वैज्ञानिक आनुवंशिकी, डा. नित्यश्री, वैज्ञानिक कृषि अर्थशास्त्र ने भी संवाद में भाग लिया.

डा. एके सिंह, प्रभारी कैटेट ने कार्यक्रम में पधारे व्यक्तियों और प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत किया और किसानवैज्ञानिक संवाद के बारे में भी जानकारी दी.

डा. रवींद्रनाथ पडारिया, संयुक्त निदेशक (प्रसार) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मक्का आधारित फसल विविधीकरण किसानों के लिए लाभकारी हो सकता है. उन्होंने सभी को इस बात से अवगत कराया कि शीघ्र ही उपस्थित सभी किसानों को ‘मेरा गांव मेरा गौरव’ परियोजना से जोड़ा जाएगा, जिस से पूसा के वैज्ञानिक किसानों से सीधे जुड़ सकेंगे.

डीपी गोयल, अध्यक्ष 40 गांव विकास परिषद, सोनीपत ने सभी को अवगत कराया कि ग्राम मंडोरा, खरखोदा सोनीपत में शीघ्र ही स्मार्ट विलेज केंद्र खुलने जा रहा है, जो मक्का आधारित जानकारी सभी किसानों को उपलब्ध करवाएगा एवं किसानों को सीधे खरीदारों से जोड़ेगा.

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