अविकानगर : भाकृअनुप-केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के एचआरडी विभाग द्वारा 8 दिवसीय (4 सितंबर से 11 सितंबर, 2024) स्ववित्तपोषित 13वां राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम को निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर की अध्यक्षता मे कौंफ्रैंस हाल मे शुरुआत की गई.
इस 8 दिवसीय वैज्ञानिक भेड़बकरी एवं खरगोशपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 9 राज्यों (राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र एवं अरुणाचल प्रदेश) के 27 प्रशिक्षिणार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करा कर भाग लिया.
निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने अपने संबोधन में किसानों को संस्थान के पशु भेड़बकरी एवं खरगोशपालन के अवसर एवं उपयोगिता पर उदारहणस्वरूप विस्तार से संवाद किया और बताया कि भेड़ सब से कम संसाधनों में पालने वाला पशु है, जो अपने शारीरिक ग्रोथ भी बकरी की अपेक्षा जल्दी करता है. इसलिए आप देश की मांस की मांग को ध्यान मे रखते हुए अपनी रूचि के अनुसार भेड़बकरी एवं खरगोश का पालन करें.
उन्होंने आगे कहा कि भेड़ एवं बकरी में टीकाकरण के बाद विभिन्न प्रकार के प्रबंधन (आवास, चारा, दाना व विभिन्न मौसम आधारित सावधानी आदि) पर ध्यान दे कर आप अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि इस बैच में जिस तरह के पढ़ेलिखे लोग यहां उपस्थित हैं, उन से मुझे उम्मीद है कि ये व्यवसाय आने वाले समय में हौर्टिकल्चर व पोल्ट्री की तरह पशुपालन उद्यमिता का रूप जरूर लेगा.
उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत निर्माण तभी होगा, जब देश का हर नागरिक देश की तरक्की में भागीदारी होगा. मेरे संस्थान के पशु आत्मनिर्भर भारत में देश की युवाशक्ति के बल पर जरूर इस में रोजगारपरक व्यवसाय के जरीए योगदान देंगे.
अंत में निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी लोगों से संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुभव से सीखने का निवेदन करते हुए अपने पहले से उपलब्ध नोलेज बढ़ाने का आग्रह किया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयक डा. सुरेश चंद शर्मा एवं डा. लीलाराम गुर्जर द्वारा किया जा रहा है. प्रशिक्षण के उद्धघाटन के अवसर पर एजीबी विभाग अध्यक्ष डा. सिद्धार्थ सारथी मिश्र, डा. अजय कुमार, डा. सत्यवीर ड़ागी, डा. विनोद कदम, डा. अरविंद सोनी आदि ने अपने अनुभव से ट्रेनिंग में भाग ले रहे लोगों से चर्चा की. यह जानकारी अविकानगर के मीडिया प्रभारी डा. अमर सिंह मीना दी.