हिसार : लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलौजी विभाग में देश के विभिन्न विभागों से आए पशु चिकित्सकों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए लुवास के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डा. मनोज रोज ने सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर बधाई दी.

उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से अनुरोध करते हुए कहा कि आप इन सारी तकनीकों का अपने क्षेत्र के पशुपालकों एवं पशुओं की भलाई के लिए अवश्य उपयोग करें एवं इसे अपने आसपास के पशु चिकित्सकों को भी सिखाएं, जिस से पशुधन की सर्जरी और भी अच्छी तरीके से की जा सके.

पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. गुलशन नारंग ने कहा कि पशुधन किसानों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आप सभी प्रशिक्षणार्थियों से यही उम्मीद है कि आप सब ने इस प्रशिक्षण के दौरान जो सीखा, उस से पशुपालकों की मदद करने में सहायक सिद्ध होंगे और पशुओं की बीमारी से होने वाले माली नुकसान को कम कर सकेंगे.

प्रशिक्षण के बारे में जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष डा. आरएन चौधरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में 9 राज्यों (जम्मूकश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, ओड़िसा, तेलंगना, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक) के 20 पशु चिकित्सकों को एनेस्थिसिया, जनरल सर्जरी, यूरिनरी सर्जरी, डायफारमेटिक हर्निया, आंखों के मोतियाबिंद और अन्य सर्जरी में प्रशिक्षित किया गया.

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