उदयपुर : बड़गांव पंचायत समिति के थूर गांव में 21 सितंबर, 2024 को "वस्त्र से वजूद तक" (वीमेंस टेलर) उद्यमिता कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम का आयोजन 29 जुलाई से 21 सितंबर, 2024 तक 41 कार्यदिवसों में किया गया था, जिस में 28 ग्रामीण महिलाओं और युवतियों ने भाग लिया.

यह प्रशिक्षण अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना (AICRP), अनुसंधान निदेशालय, मप्रकृ एवं प्रौविवि, उदयपुर और आईसीसीआई, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI), उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया.

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं का सशक्तीकरण करना है, जिस से वे आत्मनिर्भर हों एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनें. यह प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर शबनम बानो के कुशल निर्देशन में कराया गया, जिस में प्रतिभागियों को सिलाई मशीनों के संचालन, वस्त्रों की ड्राफ्टिंग और विभिन्न प्रकार के परिधानों जैसे स्कर्ट, ब्लाउज, सलवार सूट, गाउन, फ्राक, बाबा सूट,पेटीकोट, बैग, लहंगा, डिजाइनर ड्रेस इत्यादि की सिलाई में कुशल बनाया गया.

साथ ही, उन्हें विपणन, ग्राहक सेवा, टीम निर्माण, उद्यमी व्यवहार और आजीविका संवर्धन के बारे में एवं वित्तीय साक्षरता की कक्षाएं भी ली गईं. इन प्रशिक्षुओं को उदयपुर में संचालित विभिन्न परिधान विक्रताओं एवं बुटीक इत्यादि से संपर्क कर के आजीविका से जोड़ने का प्रयास किया गया.

समापन समारोह में डा. अरविंद वर्मा, निदेशक, अनुसंधान निदेशालय, मप्रकृ एवं प्रौविवि, उदयपुर ने महिलाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उन्हें अपने काम को और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.

कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण लेने वालों ने प्रशिक्षण संबंधी अपने अनुभव एवं इस के द्वारा स्वयं में आए हुए बदलाव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे प्रशिक्षण से प्राप्त कौशल और व्यावहारिक जानकारी का उपयोग कर के जल्द ही सफल उद्यमी बनेंगे और अपने परिवार व समाज के लिए आत्मनिर्भरता का उदाहरण पेश करेंगे.

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