नई दिल्ली: भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नई दिल्ली में डिजिटल कृषि मिशन के तहत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन का उद्देश्य कृषि में डिजिटल प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के लिए केंद्र व राज्य सहयोग की निरंतरता में डीपीआई के कार्यान्वयन पर चर्चा करना है, जो डिजिटल कृषि मिशन के घटकों जैसे एग्री स्टैक, कृषि डीएसएस, मृदा प्रोफाइल मानचित्रण और अन्य के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि सेवा वितरण को सुव्यवस्थित किया जा सके और कृषि योजनाओं की दक्षता बढ़ाई जा सके.

देश के सभी हिस्सों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सम्मेलन में भाग लिया. यह किसान रजिस्ट्री को लागू करने, विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना निधि का लाभ उठाने और राज्य स्तरीय कार्यान्वयन के साथ राष्ट्रीय प्रयासों के तालमेल के लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक सुधारों को संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच था.

सम्मेलन एक औपचारिक उद्घाटन सत्र के साथ शुरू हुआ, जहां सचिव (डीए एंड एफडब्ल्यू), देवेश चतुर्वेदी ने डिजिटल कृषि मिशन और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना का अवलोकन प्रस्तुत किया, जिस में प्रौद्योगिकी सक्षमता के माध्यम से कृषि में क्रांति लाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया. इस के बाद भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने भूमि सुधारों, किसान रजिस्ट्री और इन सुधारों को लागू करने में राज्यों की भूमिका के बीच तालमेल पर चर्चा की.

किसान रजिस्ट्री कार्यान्वयन के लिए डिजिटल कृषि मिशन और एससीए के दिशानिर्देशों और किसान रजिस्ट्री हैंडबुक का अनावरण डिजिटल कृषि पहल की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारत सरकार द्वारा राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का संकेत देता है.

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