नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्येक मंगलवार किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में पिछले दिनों नई दिल्ली में किसान संगठनों के सदस्यों से चर्चा की. उन्होंने किसान संगठनों के आए सभी अध्यक्ष, संयोजक व किसानों का स्वागत किया. किसान संगठनों ने कृषि की लागत कम करना, लाभकारी मूल्य देना, फसलों को पानी के भराव से बचाना, कीटनाशक व अच्छा बीज मिल सके और फसल को पशुओं से कैसे बचा सकें आदि के संबंध में चर्चा की व कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
उन्होंने आगे बताया कि किसान अनियंत्रित कीटनाशकों व उर्वरकों के उपयोग से धरती के स्वास्थ्य के खराब होने को ले कर भी चिंतित हैं और सरकारी योजनाओं की जानकारी सभी तक कैसे पहुंचे, ताकि सभी किसान उस का लाभ उठा पाएं.
किसानों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार किसान योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं. फसल बीमा योजना अच्छी योजना है, लेकिन सभी किसानों का बीमा नहीं हो पाता है. किसान क्रेडिट कार्ड पर पैसा मिलने के संबंध में भी किसानों ने सुझाव दिए हैं.
किसानों ने कई व्यावहारिक समस्याएं सामने रखी हैं, जैसे कि ट्रांफार्मर के जलने पर उसे समय सीमा में बदला जाए, ताकि फसल की सिंचाई प्रभावित न हो. किसानों ने फैक्टरियों से दूषित पानी निकलने और उस से फसलें या भूमिगत जल खराब होने की समस्या पर भी चर्चा की. यह चर्चा उन के लिए बहुत ही उपयोगी है, क्योंकि किसानों की सेवा ही देश की सच्ची सेवा है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की समस्याएं ऐसी हैं कि दिखने में छोटी लगती हैं, लेकिन इन का समाधान हो जाए तो किसानों की 10 से 20 फीसदी आमदनी बढ़ जाएगी. इसलिए हम ने तय किया है कि जो केंद्र सरकार से संबंधित समस्याएं हैं, जैसे किसानों को घटिया कीटनाशक व बीज न मिलें, इस के लिए कानून को और कड़ा बनाने आदि को ले कर केंद्र सरकार विचार करेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि कई चीजें ऐसी हैं, जो राज्य सरकारों को करनी हैं. किसानों के राज्यों से संबंधित सुझाव हम राज्य सरकारों को भेजेंगे.
उन्होंने बताया कि किसानों ने मैनुअल सर्वे से रिकौर्ड को मेंटेन करने से होने वाली परेशानी से बचने को ले कर भी सुझाव दिए हैं, जो कि बहुत ही उपयोगी हैं. किसानों को धन्यवाद देता हूं कि वे चर्चा के लिए आए और उन्होंने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए. हमें जो सुझाव मिले हैं, उन पर मिल कर काम करेंगे और समस्याओं के समाधान पर राज्य सरकारों के साथ मिल कर भी प्रयास करेंगे.