उदयपुर : 15 अक्तूबर को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौघोगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि उत्तरोत्तर प्रगति के लिए उन्होंने हमेशा टीम वर्क की अवधारणा में विश्वास रख कर काम किया है. आप चाहे कितने ही विद्वान हों, साधनसंपन्न हों, ऊंचे पद पर हों, अकेले कुछ भी हासिल नहीं कर सकते.
कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक पिछले दिनों यहां सीडीएफटी सभागार में अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे होने पर आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम सभी एकदूसरे को सम्मान दे कर ही कार्यस्थल को घर जैसा बना सकते हैं. किसी ने सच कहा है, “अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर, लोग आते गए, कारवां बनता गया”.
उन्होंने कहा कि जब मैं इस विश्वविधालय में पहली बार आया था, तब अकेला ही था, आज 2 साल बाद 4,000 लोगों का साथ मिल गया और एक पूरा एमपीयूएटी परिवार हो गया है, मेरे साथ.
इस मौके पर कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने विगत 2 साल में विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों का जिक्र किया. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारियों व कार्मिकों के समग्र प्रयासों से ही एमपीयूएटी का परचम राष्ट्रीय स्तर पर फहरा रहा है. विश्वविद्यालय के अधीन आज 7 महाविद्यालय, 2 क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, 2 उपक्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, एक बारानी अनुसंधान केंद्र और 8 कृषि विज्ञान केंद्र दक्षिणी राजस्थान को कृषि क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल की ’स्मार्ट विलेज इनीशिएटिव’ योजना के तहत राजस्थान के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में एमपीयूएटी सालों से पहले स्थान पर है और आगे भी पहले स्थान पर रहेगा, यह प्रयास जारी है. इस के लिए विगत एक साल में राजभवन से 2 बार प्रशंसापत्र भी प्राप्त हुए. स्मार्ट गांव के रूप में छाली, मदार व ब्राह्णों की हुंदर इस का जीताजागता उदाहरण है. राज्यपाल ने स्वयं अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों को इन गांवों का अवलोकन करने की सलाह भी दी. इसी क्रम में अब विश्वविद्यालय 5 गांवों को गोद ले कर स्मार्ट विलेज बनाने को तत्पर है.
उन्होंने इस बात की भी खुशी जाहिर की कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की नई किस्म प्रताप संकर मक्का- 6 को राष्ट्रीय स्तर पर चिन्हित व अनुमोदित किया गया. इस के लिए 8 कंपनियों से एमओयू किया गया, जिस से विश्वविद्यालय के रेवेन्यू में बढोतरी होगी. साथ ही, 5 किस्में इसबगोल, असालिया, अश्वगंधा, ज्वार एवं मंगफूली की भी रिलीज के लिए चिन्हित की गई. यही नहीं, पिछले दो वर्षो में विश्वविद्यालय ने 54 पेटेंट व 77 एच इंडेक्स हासिल किए है, जो विश्वविद्यालय के मौलिक और नवाचारी शोध क्षमताओं का परिचायक है.
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मनाने में भी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. मिलेट्स पर सचित्र मार्गदर्शिका, जागरूकता रैलियां, कार्यशालाएं आयोजित की गईं. 4 किसान मेलों का आयोजन किया गया. साथ ही, मिलेट हट की स्थापना के अलावा कृषि महाविद्यालयों, अनुसंधान केंद्रों और केवीके में मिलेट वाटिकाएं विकसित की गईं.
विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध शिक्षाविद पूर्व कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा ने डा. अजीत कुमार कार्नाटक की कुशल नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि मात्र 2 सालों में एमपीयूएटी ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं, प्रशंसनीय है. धरातल पर रह कर काम करना डा. अजीत कुमार कर्नाटक की प्रवृत्ति है. इसी कारण एक बेहतर टीम बन कर उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे परिणाम सामने रख देती है.
उन्होंने कहा कि आगामी सालों में कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक के नेतृत्व में और भी अविस्मरणीय उपलब्धियां हासिल होंगी, इस में कोई अतिशयोक्ति नही है. प्रो. उमाशंकर शर्मा ने कहा कि नए जिले सलुंबर में केवीके की स्थापना के लिए काम किए जा रहे हैं.
शुरू में कार्यक्रम के आयोजक व डेयरी एंव खाद्य प्रौद्योगिकी महाविघालय अधिष्ठाता डा. लोकेश गुप्ता ने अतिथि स्वागत में कुलपति के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुधांशु सिंह, वित्त नियंत्रक विनय भाटी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, परिषद सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया. छात्र कल्याण अधिकारी डा. मनोज महला ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद दिया व मंच संचालन डा. निकिता वधावन ने किया.