लखनऊ : उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दुग्ध उत्पादन 3.5 लाख लिटर प्रतिदिन किया जाए और तरल दुग्ध बिक्री 2 लाख लिटर प्रतिदिन किए  जाने के प्रयास किए  जाएं. प्रत्येक दुग्ध संघ कम से कम 5 मिल्क बूथ बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करे. दुग्ध संघों में कार्यरत डेयरी प्लांट की क्षमता उपयोगिता को बढ़ा कर 50 फीसदी किया जाए.

दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पिछले दिनों विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यों के पिछले  एक सप्ताह में क्रियान्वयन की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि दुग्ध विकास विभाग का लक्ष्य प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों, पशुपालकों को दुग्ध मूल्य का नियमित रूप से भुगतान कराना प्राथमिकता है.

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः चालू किए जाने और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न किए जाने पर विशेष बल दिया.

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि नंद बाबा एवं गोकुल पुरस्कार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लाभार्थियों की चयन सूची तैयार कर उन्हें पुरस्कृत करने की कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाए. दुग्ध विकास मंत्री ने कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज डेयरी प्लांट का संचालन एनडीडीबी को दिए जाने के संबंध में हुई प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि जो भी औपचारिकताएं शेष या अपूर्ण हैं, उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई समितियों के गठन एवं पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है, उसे सुदृद्ध कार्ययोजना बना कर शीघ्र पूरा किया जाए. साथ ही, उन्होंने कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग कर विशेष ध्यान दिया जाए.

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