दिल्‍ली प्रैस की कृषि पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ द्वारा लखनऊ में आयोजित  कृषि सम्‍मान अवार्ड 2024 में विज्ञान शुक्ला ‘बैस्‍ट फार्मर अवार्ड इन आर्गेनिक फार्मिंग’ से सम्मानित किए गए. उत्‍तरप्रदेश के बांदा जिले के विज्ञान शुक्ला आधुनिक तकनीक व नवाचार से खेती कर अपनी एक खास पहचान बना चुके हैं.

प्राकृतिक तरीके से बागबानी 

विज्ञान शुक्ला 400 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक तरीके से अनेक फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिन्हें दोगुना से अधिक दाम पर अपनी उपज बेच रहे हैं. वैदिक और्गेनिक फार्म के जरीए वे अनेक लोगों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं. आप के द्वारा 150 एकड़ जमीन पर बागबानी भी की जा रही है. विज्ञान शुक्ला फलदार पेड़ों से अच्छाखासा मुनाफा ले रहे हैं.

खेतीबारी के साथसाथ वे पशुपालन भी

विज्ञान शुक्ला खेतीबारी के साथसाथ पशुपालन भी कर रहे हैं और उन  के पास 500 से अधिक साहीवाल गिरी, थारपारकर नस्ल की गाएं हैं, जिन के दूध से घी बना कर आप 3,000 रुपए से 3,500 रुपए प्रति लिटर तक लखनऊ, दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों तक अनेक संस्थाओं को बेच रहे हैं.

विज्ञान शुक्ला (Vigyan Shukla)

कई पुरस्कारों से सम्मानित 

विज्ञान शुक्ला का वैदिक फार्म बुंदेलखंड का मौडल बन चुका है, जहां अनेक अधिकारियों और किसानों का आना लगा रहता है. किसान उन के यहां से फार्म की गतिविधियों को जान कर अपने कृषि कार्यों को कर रहे हैं, जिस से उन की आमदनी बढ़ रही है. खेती में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीकी से उन की पहले से कहीं अधिक आमदनी बढ़ गई है. इस नवाचार के लिए भारत सरकार द्वारा ‘जगजीवन राम अभिनव पुरस्कार’ से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. विज्ञान शुक्ला को प्रदेश द्वारा भी, मंडल द्वारा भी और जनपद द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है.

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