दमोह : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने किसानो से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा, हर किसान के मनमस्तिष्क में बैठ गया है कि जितना डीएपी और यूरिया डालेंगे उतनी ही पैदावार होगी, ऐसा नहीं है. इस सोच को बदलना पड़ेगा. हम ने इन सब के उपयोग से धरती को बीमार कर दिया है. इस से इनसान, पशुपक्षी कोई भी प्राणी स्वस्थ नहीं रह सकता है, इसलिए प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा.

उन्होंने कहा कि किसान से यह नहीं कहा जा रहा है कि पूरे के पूरे खेत में प्राकृतिक खेती करें. यदि आप के पास 5 एकड़ जमीन है, तो एक एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करिए. राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि वे खुद भी प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, कभी भी रासायनिक खाद नहीं डालते हैं, जितने भी किसान डीएपी, यूरिया और पैस्टिसाइड डाल रहे हैं, उतनी ही पैदावार वे ले रहे हैं.

इस अवसर पर विधायक, दमोह, जयंत कुमार मलैया, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, कलक्टर सुधीर कुमार कोचर सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.

उन्होंने कहा कि हम ने खेत के केंचुओं को मार डाला, केंचुए किसान के मित्र हैं. खाद पर 15 लाख करोड़ रुपए सालाना इस में भारत सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है. यदि आप प्राकृतिक खेती करेंगे तो, उन्हें इंसेंटिव देंगे.

कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सालों में किसान सम्मान निधि देने का काम किया. उन्होंने एमएसपी 10 साल में इतनी बढ़ाई है कि यदि आजादी के बाद इस दर से एमएसपी बढ़ती तो आज किसान के घर में समृद्धि रहती, परंतु ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि साल 2014 में 1,250 रुपए एमएसपी थी, जो मोदी के आने के बाद अभी 2,625 रुपए हो गई है.

उन्होंने कहा कि जैविक खेती में और प्राकृतिक खेती में बहुत अंतर है. प्राकृतिक खेती में किसान को बाजार से 1 रुपए का सामान लाने की जरूरत नहीं होती है. आज किसान की लागत बढ़ गई है.

केंद्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने मिट्टी परीक्षण कराने पर बल देते हुए कहा कि इस के लिए अब जन जागरण अभियान चलाया जाए. इस दौरान उन्होंने जिले के विभिन्न स्थानों से आए जैविक खेती कर रहे किसानों से चर्चा की और उन का उत्साहवर्धन किया.

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