हर साल देश का कुछ हिस्सा सूखे या बाढ़ की चपेट में आने से चारे की समस्या पैदा हो जाती है. उस स्थिति में फसलों के अवशेष जैसे गेहूं व धान की तूड़ी व पराली से पशु आहार ब्लाक बनाया जाता है. तूड़ी व पराली जैसे सूखे चारे को अधिकता वाले स्थानों से वहां तक ले जाया जाता है जहां चारे की कमी है. सूखे चारे का फैलाव अधिक होने के कारण इसे एक जगह से दूसरी जगह लाना ले जाना बहुत खर्चीला और मुसीबत वाला काम है. इसलिए इस सूखे चारे में जरूरत के मुताबिक दाना, खनिज पदार्थ मिला कर एक खास मशीन से ठोस आहार ब्लाक के रूप में बदला जाता है. इस तरह से तैयार किया गया ब्लाक पशु आहार कई तरह से पौष्टिक व उपयोगी होता है.
कहने का तात्पर्य है कि पशु आहार ब्लाक एक ऐसी तकनीक है, जिस के तहत भूसे, फसल अवशेष आदि के साथ दूसरे पौष्टिक पशु चारे भी को मिला कर मशीन द्वारा प्रेशर से दबाया जाता है, जिस से वह ठोस आहार में बदल जाता है और ब्लाक के रूप में तैयार हो जाता है. यह चारा कम जगह में ज्यादा मात्रा में रखा जा सकता है. जरूरत पड़ने पर इस ठोस ब्लाक को पानी में डाल दें, तो यह फिर से पशुओं के खाने लायक हो जाता है.
लुवास ( हिसार ) की आहार ब्लाक बनाने की मशीन
यह फसल अवशेष, दाना और खनिज लवणों को मिला कर पशुओं का आहार बनाने का एक खास तरीकाहै. इस में किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इस विधि से पशु आहार के लिए निम्नस्तरीय चारे (फसल अवशेष) को दाने के साथ तय मात्रा में मिला कर ब्लाक बनाने वाली मशीन से संपूर्ण आहार ब्लाक बनाए जाते हैं. इस मशीन में 25 हार्सपावर की बिजली की मोटर लगी होती है. पशु आहार ब्लाक बनाने की इस मशीन को लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा बनाया गया है.
पूसा की आहार ब्लाक बनाने वाली मशीनों की जानकारी
पशुओं के लिए संपूर्ण चारा ब्लाक बनाने की मशीन कृषि अभियांत्रिकी संभाग, कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली द्वारा भी बनाई गई है.
पूसा मोबाइल चारा ब्लाक मशीन
इस मशीन की मदद से 15×15 सेंटीमीटर आकार वाले पशु चारा ब्लाक बनाए जाते हैं.
6.5 हार्सपावर वाले डीजल इंजन से चलने वाली चारा ब्लाक बनाने वाली मशीन की कार्यक्षमता 100-125 किलोग्राम प्रति घंटा है. यह मशीन किसी भी जगह पर चारे से ब्लाक बनाने के लिए उपयोगी है. इस मशीन को 3×1.5 मीटर आकार वाली ट्राली पर रख कर एक जगह से दूसरी जगह आसानी से लाया और ले जाया जा सकता है.
पूसा पशु चारा ब्लाक मशीन
यह मशीन फसल अवशेषों और जरूरी पोषक तत्त्वों का उपयोग कर 20×20 सेंटीमीटर आकार के जरूरी पोषक तत्त्वों के साथ फसल अवशेषों को मिला कर पशु चारा ब्लाक बनाने के लिए उपयोगी है. 25 हार्सपावर वाली इलैक्ट्रिक मोटर से चलने वाली इस मशीन की पशु चारा ब्लाक बनाने की कूवत 250 किलोग्राम प्रति घंटा है. इस मशीन से बनाए गए चारा ब्लाक को एक साल से भी ज्यादा समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि दूरदराज के इलाकों तक लाने व ले जाने के लिए किफायती होता है. इस मशीन से धान पुआल के चारा ब्लाक भी बनाए जा सकते हैं.
आहार ब्लाक बनाने की विधि
* पशुओं की विभिन्न अवस्थाओं के लिए तालिका के मुताबिक अलगअलग पदार्थों को मिलाया जाता है.
* पानी की मात्रा इस तरह ली जाती है कि मिश्रण में नमी 17 फीसदी हो जाए.
* इन सब को अच्छी तरह से मिला लिया जाता है और 12 से 24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है, ताकि तुड़ी या पराली के कण नमी सोख कर एकसार हो जाए.
* अब खाद्य मिश्रण को एक विशेष मशीन में भर कर ब्लाक में बदल दिया जाता है.
* पूर्ण पशु आहार ब्लाक में हरा चारा भी 96 घंटे तक सुखाने के बाद मिलाया जा सकता है.
ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए पशु पोषण विभाग, लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार से संपर्क कर सकते हैं.
संपूर्ण आहार ब्लाक के फायदे
* ब्लाक बनाने में कम गुणवत्ता वाले सूखे चारे जैसे धान का पुआल, गन्ने की खोई और सरसों की भूसी वगैरह का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें पशु आमतौर पर ना के बराबर खाते हैं.
* इस चारे को खिलाने से पशुओं का हाजमा ठीक रहता है. साथ ही, पशुओं की ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिनों की जरूरत भी पूरी हो जाती है.
* संशोधन तकनीक में तैयार होने की वजह से इस में पाचक तत्त्वों की मात्रा बढ़ जाती है.
* परंपरागत तरीके से खिलाने के बजाय पूर्ण आहार पिंड के रूप में खिलाने से दूध की मात्रा बढ़ जाती है.
* ब्लाक को गाडि़यों में लादना व ले जाना कम खर्चीला और सुविधाजनक होता है.
* कम जगह में भी इन का भंडारण किया जा सकता है.
* इस में अलगअलग तरह के खाद्य पदार्थ इस तरह मिले होते हैं कि पशु अपनी इच्छा से छांट कर न खा सकें. इस में सूखा चारा और दाना जरूरत के अनुपात में डाला जाता है. यह पशुओं द्वारा ज्यादा चाव से खाया जाता है.
* लंबे समय तक रखे रहने से भी चारा खराब नहीं होता.