सबौर : अनुसंधान निदेशालय, बिहार कृषि विश्विवद्यालय, सबौर के नेतृत्व एवं बी.ए.यू. सबौर चैप्टर ऑफ़ इंडियन सोसाईटी औफ एग्रोनामी के तत्वावधान में ‘‘बिहार के परिपेक्षय में समेकित कृषि प्रणाली‘‘ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
स्वागत भाषण में बिहार के परिप्रेक्ष्य में समेकित कृषि प्रणाली से संबंधित बातों पर विस्तार से चर्चा की और अतिथियों से इस विषय पर अपनाअपना महत्वपूर्ण सुझाव देने का अनुरोध भी किया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पीडीएफएसआर, मोदीपुरम के भूतपूर्व निदेशक, डा. बी. गंगवार ने अपने उदबोधन में वैज्ञानिकों को यह संदेश दिया कि आने वाले समय की खेती ऊर्जा पर आधारित होगी. जो फसल ज्यादा ऊर्जा देगा, किसान उसी की खेती करेंगे. उन्होंने सभी वैज्ञानिकों को लगन, उत्साह और उर्जा के साथ कार्य करने की सलाह दी.
इस कार्यशाला में डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के निदेशक, ईख अनुसंधान, डा. देवेंद्र सिंह ने फसलों के उत्पादन में सस्यविदों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि सस्य वैज्ञानिकों की मेहनत एवं प्रयास से विकसित तकनीकों के माध्यम से ही फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि हुई है.
कृषि महाविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेष से आए अधिष्ठाता कृषि, डा. रमेश सिंह ने कार्यशाला की सार्थकता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला.
इस कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधिष्ठाता कृषि, कुलसचिव, निदेशक सहित सभी सस्यविद उपस्थित थे. डा. संजय कुमार, सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष द्वारा इस एकदिवसीय कार्यशाला में भागीदारी के लिए सभी अतिथियों के प्रति अभार एवं वैज्ञानिकों के प्रति धन्यवाद प्रस्तुत किया.