उमरिया : ग्रामीण आजीविका मिशन से 77,151 महिलाएं जुड़ कर हुई आत्मनिर्भर हुई हैं. घूंघट की आड़ में रहने वाली महिलाएं अब ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर आत्मनिर्भरता के पथ पर निरंतर बढ़ रही हैं. समाज में महिलाओं की साख बढ़ी है और स्व-समूहों का गठन कर विभिन्न उत्पादों को तैयार करते हुए उन का विक्रय कर रही हैं एवं परिवार का बेहतर ढंग से संचालन कर रही हैं.

उमरिया जिले की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम कर रही हैं. मध्य प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला में अप्रैल, 2015 मे प्रारंभ हुआ. इसे चरणबद्ध रूप से जिले के सभी विकासखंडों में लागू किया गया. मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे गुजरबसर करने वाले परिवारों की संस्थाओं का गठन कर उन की माली एवं सामाजिक स्थिति को मजबूत करना है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धन परिवारों का सामाजिक व माली सशक्तीकरण एवं संस्थागत विकास कर आजीविका के संवहनीय अवसर उपलब्ध कराना है. जिले में कुल 6,324 स्व-सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिस के अंतर्गत 77,151 महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

समूहों के ग्राम स्तरीय संघ ग्राम संगठन, जो कि ग्राम स्तर पर सभी समूहों को जोड़ कर गठन किया जाता है. जिले में 504 ग्राम संगठन गठित हैं. संकुल स्तरीय संगठन, जिन में 25 से 30 गावों का परिसंघ होता है. कुल 20 संकुल स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है. समूह गठन सतत प्रक्रिया है, जिस के तहत जिले के सभी गरीब, बहुत गरीब परिवारों को जोड़ कर उन्हें आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाना है. सभी की आय कम से कम 10 से 15 हजार रुपए प्रति माह हो, इस रणनीति के तहत काम किया जा रहा है.

जिले में 4,116 स्व-सहायता समूहों से जुड़े परिवारों को रिवाल्विंग फंड की राशि उपलब्ध कराई गई है, जिस से अपनी छोटीछोटी जरूरतों की पूर्ति ऋण ले कर के करती है. सामुदायिक निवेश निधि के तहत जिले में 2,356 स्व-सहायता समूहों को राशि 1647.70 लाख रुपए सामुदायिक निवेश निधि महिलाओं को ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जा चुकी है, जिस से वे अपनी छोटीछोटी गतिविधियां संचालित कर आय अर्जित कर रही है.

बैंक द्वारा 2,249 स्व-सहायता समूहों के 2,372 लाख रुपए स्वीकृत एवं वितरण किए गए हैं, जिन से महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ाने में निरंतर प्रयासरत हैं. सामुदायिक के बीच में ही समूह की अवधारणा के प्रचारप्रसार, समूह के अभिलेख संधारण, समूह बैठकों का आयोजन, संचालन एवं क्षमता निमार्ण, बैंक संयोजन, समूहों की आय अर्जन गतिविधियों में सहयोग आदि कामों के लिए सामुदायिक स्रोत व्यक्तियों का चिन्हांकन एवं उन का क्षमतावर्द्धन किया जाता है. ये सामुदायिक स्रोत व्यक्ति स्थाई रूप से सामुदायिक संस्थाओं के सशक्तीकरण में सहभागी बनते हैं.

जिले के अंतर्गत गठित सभी समूहों उन के लेखा संधारण का काम 3,753 बुककीपर के द्वारा किया जा रहा है. इसी तरह समूहों सदस्यों के बैंक लिंकेज में सहयोग करने के लिए 42 बैंक सखी एवं 56 बीसी सखी कार्यरत हैं. कृषि संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिए 184 व पशुपालन संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण के लिए 90 सीआरपी, 40 कौशल सखी और 70 ई-सीआरपी, 64 जेंडर सीआरपी, 74 पोषण सखी कार्यरत हैं, जो कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है.

कृषि आधारित गतिविधियों से बढ़ी आजीविका

मिशन द्वारा प्रारंभ से अब तक 34,915 समूह परिवारों को कृषि गतिविधियां से लाभांवित किया जा चुका है, जिन में मुख्यतः धान की श्रीविधि तकनीक, व्यावसायिक सब्जी उत्पादन, हलदी एवं मसाला की खेती, मुनगा एवं फलदार पौधरोपण एवं पशुपालन गतिविधियों से 5,226 परिवारों को जोड़ा गया है, जिन में मधुमक्खीपालन, कड़कनाथ मुरगीपालन, बकरीपालन, डेयरी, मछलीपालन आदि गतिविधियों से लाभांवित किया गया है.

गैरकृषि आधारित गतिविधियों के अंतर्गत निर्माण, व्यवसाय एवं सेवा प्रदाता जैसी गतिविधियां हैं. निर्माण संबंधी गतिविधियों में सेनेटरी नैपकिन, फिनाइल, गुनाइल, किराना, वाशिंग पाउडर, आटा चक्की, साबुन, हैंडवाश, अगरबत्ती बनाने जैसी गतिविधियों से लाभांवित किया गया है, जिस से 9587 समूह सदस्य गतिविधियों को संचालित कर आय अर्जित कर रहा है.

उमरिया जिले को लखपति का लक्ष्य 12,337 दिया गया है. सभी लक्ष्य के अनुसार, सभी हितग्राहियों का चयन किया गया है. इन की आमदनी बढ़ाने के उदे्दष्य से जिले में 152 लखपति सीआरपी को तैनात किया गया है. लखपति सीआरपियों के द्वारा चिन्हित हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिस से कि उन की 2 साल की अवधि में लखपति परिवारों को सालाना आय एक लाख रुपए से ऊपर आय वृद्धि किया जाएगा. कृषि, पशुपालन, लघु व्यवसाय संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं.

मिशन प्रारंभ से अब तक आरसेटी के माध्यम से 3581 महिलाएं एवं पुरुषों का प्रशिक्षण एवं डीडीयूजेकेवाय के माध्यम से 1007 महिलाएं एवं पुरुषों को प्रशिक्षित कर 648 महिलाएं एवं पुरुषों को नियोजित किया गया है. रोजगार मेले के माध्यम से 2113 युवाओं का चयन एवं विभिन्न कंपनियों में नियोजित कराया गया है.

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