उदयपुर : हाल ही में प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर द्वारा 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि उर्वरक विक्रेताओं के लिए यह प्रशिक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है. प्रशिक्षण के बाद वे महज कृषि, खादबीज, उर्वरक विक्रेता नहीं, बल्कि ज्ञानार्जन से कृषि के क्षेत्र में डाक्टर बन जाते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रशिक्षण लेने के बाद सच्ची लगन व निष्ठा से अपने व्यवसाय के साथ किसानों को सही समय पर सही सुझाव दे कर अप्रत्यक्ष रूप से उन के लिए बदलाव अभिकर्ता के रूप में सहायता करें. सभी उर्वरक विक्रेताओं को किसानों से सीधा संपर्क स्थापित कर विभिन्न प्रकार की नवीनतम एवं आधुनिक कृषि तकनीकियों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए और उन की आमदनी को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.
उन्होंने आगे बताया कि ज्ञान के सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. जीवन में ऊंचाइयों को छूना है, तो लर्न, अनलर्न एवं रीलर्न के सिद्धांत को अपनाना चाहिए. इस के लिए सभी प्रतिभागियों को कृषि संबंधित नवीनतम साहित्य एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के संपर्क में रहना चाहिए, ताकि कृषि में हो रहे नवाचारों द्वारा आप किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित कर सकते हैं.
इस अवसर पर डा. आरएल सोनी, निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने उर्वरकों के संतुलित उपयोग एवं मृदा परीक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पोषक तत्व प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व के लाभ, जैविक खेती और उस के लाभ, कार्बनिक खेती आदि के बारे में भी चर्चा की.
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षणार्थियों को उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ाने के उपाय सुझाए और टिकाऊ खेती समन्वित कृषि पद्धति की फसल विविधीकरण आदि विषयों पर जानकारी दे कर उ नका ज्ञानवर्धन किया.
प्रशिक्षण समन्वयक डा. लतिका व्यास, प्राध्यापक ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राज्य के विभिन्न जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तोरगढ़, बासंवाडा, डूंगरपुर, सलूम्बर आदि से 30 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया, जिन्हें उर्वरक सर्टिफिकेट कोर्स संबंधी सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक जानकारियां विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों एवं राज्य सरकार के कृषि अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई. साथ ही, अपने विचार व्यक्त करते हुए इस प्रशिक्षण का लाभ किसानों तक पहुंचाने की अपील की.
प्रशिक्षण के समापन समारोह में खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाणपत्र एवं प्रशिक्षण संबंधी साहित्य प्रदान किए गए. साथ ही, प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण के अनुभव भी साझा किए. इस कार्यक्रम में डा. एसके इंदौरिया, प्राध्यापक, कृष्णा शर्मा, कैलाश माली, हिमा आदि उपस्थित थे. डा. राजीव बैराठी भी प्रशिक्षण के समापन समारोह में मौजूद रहे.