नई दिल्ली : 22 मई से 26 मई, 2023 तक बायोवर्सिटी इंटरनेशनल-सीआईएआरटी ग्लोबल एलायंस के सहयोग से आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा ‘बदलती जलवायु के तहत कृषि प्रबंधन के लिए फसल सिमुलेशन मौडलिंग’ पर पांचदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया.
डा. राजवीर सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि, कृषि वानिकी और जलवायु परिवर्तन) ने 22 मई को कार्यक्रम का उद्घाटन किया और उन्होंने कृषि जोखिमों के प्रबंधन के लिए सिमुलेशन मौडलिंग के विज्ञान में क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया. विशेष रूप से बढ़ते जलवायु जोखिमों और संबंधित उत्पादकता नुकसान के वर्तमान और भविष्य के समय में जानकारी साझा की.
उन्होंने कृषि उत्पादकता और लाभप्रदता के समग्र सुधार के लिए प्रणाली की समझ की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों से आने वाले प्रतिभागियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और भारतीय कृषि से जीएचजी उत्सर्जन पर सिमुलेशन मौडलिंग और जलवायु परिवर्तन प्रभाव, अनुकूलन आकलन और आकलन में वैश्विक मान्यता और राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए पर्यावरण विज्ञान विभाग को बधाई दी.
इस से पहले अपने स्वागत भाषण में प्रो. सूरा नरेश कुमार, प्रमुख, पर्यावरण विज्ञान विभाग, आईएआरआई ने कृषि प्रबंधन और सामाजिक लाभ में प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता और अवसरों पर जोर दिया.
डा. जय राणा, देश के प्रतिनिधि, ग्लोबल एलायंस ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण-जीईएफ परियोजना “कृषि जैव विविधता को मुख्यधारा में लाना और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को सुनिश्चित करने और भेद्यता को कम करने के लिए कृषि क्षेत्र में उपयोग” के बारे में विवरण दिया.
इसी प्रोजैक्ट के तहत यह वर्कशाप आयोजित की. प्रो. आरएन पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार) ने प्रशिक्षण के बाद सहयोगी शिक्षा के बारे में बात की, ताकि किसानों को सलाह दे कर सुधार हो सके.
उन्होंने गांवों में फसल मौडल की सहायता से प्रौद्योगिकी लक्ष्यीकरण का उदाहरण दिया, जिसे गांवों में लागू किया गया था. कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के 25 वैज्ञानिकों ने भाग लिया.