हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा पेशेवर विकास कार्यक्रमकृषि विस्तार में नई दक्षता, करियर के अवसर और अनुसंधान विषय पर 5 दिवसीय कार्यक्रम हुआ. कृषि महाविद्यालय के विस्तार शिक्षा विभाग तथा राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की जब कि राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद के निदेशक (कृषि विस्तार) डा. श्रवणन राज विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश पूसा संस्थान दिल्ली सहित विभिन्न प्रदेशों के 65 शोधकर्ताओं ने भाग लिया.
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विस्तार के क्षेत्र में नवाचार कौशल विकास और अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है. विश्व में हो रहे तकनीकी विकास,अनुसंधान और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रचारप्रसार के कारण कृषि विस्तार की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है जो अनुसंधान संस्थानों और कृषक समुदाय के बीच पुल का काम कर रही है.
उन्होंने बताया कि कृषि में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं. युवाओं को आधुनिक तरीकों से कृषि के विस्तार से जुडऩा होगा. सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) को इस्तेमाल करके विस्तार शिक्षा को बढ़ावा देना होगा, जो वर्तमान समय की मांग है. उन्होंने कहा कि आज हमें कृषि विस्तार और कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के प्रचारप्रसार करने में कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) के सहयोग की भी आवश्यकता है.
युवा पेशेवरों ,शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाकर उन्हें सीखने और नवाचार के लिए प्रेरित करना होगा. प्रतिभागियों को कृषि विस्तार के मार्गदर्शक बताते हुए उन्होंने कहा कि कृषि परिदृश्य में एक ठोस बदलाव लाने के लिए और अधिक बेहतर ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र को लाभकारी एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद के संस्थान निदेशक एवं विशिष्ट अतिथि डा. श्रवणन राज ने कृषि क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाओं के संदर्भ में कहा कि कहा कि कृषि के क्षेत्र में युवाओं को आगे लाने के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने के साथसाथ आधुनिक तरीकों से कृषि के विस्तार की भी आवश्यकता है.