नई दिल्ली : सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सब से बड़ी अनाज भंडारण योजना की पायलट परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज (नैबकौंस) के सहयोग से 11 राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, असम, तेलंगाना, त्रिपुरा और राजस्थान में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) स्तर पर इन की 11 पैक्स में गोदामों को बनाया गया है. इन बने 11 भंडारणों में से 3 को महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना राज्य में पैक्स ने स्वयं के उपयोग के लिए रखा है. इस के अलावा 3 भंडारण को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में राज्य/केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किराए पर लिया गया है.

इस पायलट परियोजना को आगे बढ़ा दिया गया है और सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सब से बड़ी अनाज भंडारण योजना के तहत गोदामों के बनाने के लिए 21 नवंबर, 2024 तक देशभर में 500 से अधिक अतिरिक्त पैक्स की पहचान की गई है.

इस योजना के तहत कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), कृषि विपणन अवसंरचना योजना (एएमआई) आदि जैसी भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं के सम्मिलन के जरीए पैक्स को सब्सिडी और ब्याज सहायता दी जाती है. एआईएफ योजना के तहत 2 करोड़ रुपए तक की परियोजना के लिए 3 फीसदी ब्याज सहायता प्रदान की जाती है, जिस में ऋण चुकाने की अवधि 2+5 साल होती है. इस के अलावा एएमआई योजना के तहत भंडारण इकाइयों के बनाने के लिए पैक्स को 33.33 फीसदी सब्सिडी दी जाती है.

इस के अलावा, एएमआई योजना के तहत पैक्स के लिए उत्पाद की उत्पादन लागत और उस के विक्रय मूल्य के बीच के अंतर की धनराशि (मार्जिन मनी) की आवश्यकता 20 फीसदी से घटा कर 10 फीसदी कर दी गई है. पूंजीगत लागत पर भंडारण अवसंरचना, जिस में बाउंड्री वाल, ड्रेनेज जैसी सहायक चीजें शामिल हैं) के लिए सहायता के अलावा अब पैक्स को सहायक चीजों पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है, जो गोदाम घटक की कुल स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकतम 1/3 या वास्तविक जो भी कम हो, तक सीमित है.

पायलट परियोजना के अंतर्गत 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में कुल 9,750 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले 11 भंडारण गोदामों को बनाने का काम पूरा हो चुका है.

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