बस्ती : प्रधानमंत्री रह चुके चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आत्मा योजनांतर्गत जनपद स्तरीय किसान मेले का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, बंजरिया, बस्ती में किया गया, जिस का आरंभ जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया.

हर्रैया के विधायक सरोज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ जनपद के सभी किसानों को मिले. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मोटे अनाज की खेती करें, जिस से लोगों की सेहत सुधरने के साथ ही किसानों को लाभ भी हो, मोटा अनाज खाने से ब्लडप्रेशर, शुगर, गठिया आदि तमाम तरह की बीमारियां नहीं होती हैं.

जिला पंचायत अध्यक्ष ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं. इस समय किसानों को मुफ्त में बिजली भी दी जा रही है. उन्होंने स्व. चौधरी चरण सिंह के योगदान पर विस्तृत से चर्चा करते हुए उन के द्वारा लिए गए निर्णयों से किसानों में कैसे समृद्धि आई, इस पर बताया.

जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि कृषि एवं इस के संवर्गी विभागों द्वारा किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही  हैं. वर्तमान में किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की जा रही है. इस से किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसान कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच करा कर ही उर्वरक का प्रयोग करें, जिस से लागत में कमी आएगी और उर्वरक पर निर्भरता भी कम होगी.

इस अवसर पर कृषि, उद्यान, रेशम, मत्स्य विभाग, फसल बीमा, इफको, कृषि विज्ञान केंद्र, खाद एवं बीज और पशुपालन विभाग से संबंधित स्टालों का विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया और उन्नतशील कृषि निवेशों, नवीनतम तकनीकी जानकारी एवं शासन द्वारा किसानों के लिए  चलाई जा रही किसान उपयोगी विभिन्न योजनाओं की जानकारी उन्हें दी गई.

इस अवसर पर कृषि समेत उस के संवर्गी जैसे डेयरी, पशुपालन, सब्जी की खेती, मोटे अनाज की खेती, प्राकृतिक खेती आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया, जिस में 15 किसानों को प्रथम पुरस्कार, प्रमाणपत्र, शाल के साथ 7,000 रुपए, 15 किसानों को द्वितीय पुरस्कार हेतु प्रमाणपत्र, शाल एवं 5,000 रुपए और विकास खंड स्तर पर 70 किसानों को प्रथम पुरस्कार हेतु प्रमाणपत्र, शाल एवं 2,000 रुपए का पुरस्कार दिया गया. इस के अलावा कृषि सखियों को भी सम्मानित किया गया.

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इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि इस समय गेहूं और सरसों की बोआई पूरी हो चुकी है. इस साल बोआई दूसरे सालों की अपेक्षा 10-15 दिन पहले हो गई है, इस से हमारा उत्पादन बढ़ेगा.

उन्होंने आगे बताया कि सरसों की सिंचाई 35-45 दिन के बाद ही करें. सरसों की कच्ची सिंचाई बिलकुल न करें, इस से पौधे मजबूत होते हैं. जिन के गेहूं की पहली सिंचाई हो चुकी हो, वे किसान गेहूं में 10 किलोग्राम प्रति एकड़ जिंक डालें. साथ ही, खरपतवारनाशी का पहले प्रयोग कर फिर उर्वरक का प्रयोग करें. इस के साथ ही गेहूं/सरसों में जिंक के साथ माइक्रोन्यूट्रेंट 3 किलोग्राम प्रति एकड़ डालने से पैदावार बढ़ जाती है. वहीं तिलहनी फसलों में 12 किलोग्राम प्रति एकड़ सल्फर का प्रयोग अवश्य करें. सरसों की पहली सिंचाई के बाद एक बोरी यूरिया प्रति एकड़ प्रयोग करने से उत्पादन अच्छा मिलता है.

उपकृषि निदेशक अशोक कुमार गौतम ने कृषि विभाग एवं संवर्गी विभागों के योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी. इस के अलावा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, जिला उद्यान निरीक्षक, प्रबंधक अग्रणी बैंक, बस्ती आदि ने अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी.

इस अवसर पर हर्रैया के विधायक सरोज मिश्र एवं अखिलेश सिंह, कप्तानगंज के गुलाब चंद्र सोनकर, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण/कल्चर), जिला उद्यान अधिकारी, उपदुग्धशाला अधिकारी, जिला प्रबंधक लीड बैंक व अधिक तादाद में किसान उपस्थित रहे.

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