सबौर (भागलपुर): राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), सबौर में एक विशेष किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों, जीविका दीदियों, कृषि छात्रों और अलगअलग राज्यों से आए हुए विशेषज्ञों डा. संजय कुमार राय (पश्चिम बंगाल), डा. वी. प्लानास्वामी (तमिलनाडु), डा. जी. प्रसाद बाबू (आंध्र प्रदेश), डा. चंद्रकांत एमएच (हैदराबाद), डा. रंजन मोहंता (ओडिशा) ने भाग लिया.
कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र, सबौर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. राजेश कुमार संबोधन के साथ शुरू हुआ. उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में किसानों के योगदान को सराहा और कहा, “हमारा उद्देश्य किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, ताकि वे नई चुनौतियों का सामना कर सकें और कृषि को एक लाभदायक व्यवसाय बना सकें.”
उन्होंने आगे कहा, “किसान देश की रीढ़ हैं. हमें कृषि में वैज्ञानिक तरीकों को अपना कर उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम करना चाहिए.”
कार्यक्रम में उपस्थित कृषि छात्रों ने किसानों के साथ संवाद किया और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए जागरूकता फैलाने की प्रतिबद्धता जताई. केंद्र के वैज्ञानिक द्वारा संगोष्ठी में किसानों को नई फसल पद्धतियों, मिट्टी परीक्षण, जल प्रबंधन और बागबानी के महत्व पर जानकारी दी गई. इस के अलावा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उस से निबटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई.
कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और जीविका दीदियों को सम्मानित किया गया. इस आयोजन ने किसानों को नई जानकारी और प्रोत्साहन प्रदान करते हुए उन के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया.
डा. होदा ने कार्यक्रम के समापन पर कहा, “राष्ट्रीय किसान दिवस हमारे देश के किसानों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने का दिन है. हमें गर्व है कि केवीके, सबौर ने इस अवसर पर किसानों के सशक्तीकरण के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया.”
उन्होंने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए आश्वासन दिया कि केवीके भविष्य में भी किसानों की बेहतरी के लिए ऐसे प्रयास करता रहेगा.