सवाल : खेती की तैयारी और अन्य प्रमुख कृषि कार्य में काम आने वाले ट्रैक्टरचालित कौन से उपयोगी यंत्र हैं?
– दिनेश यादव, मथुरा
जवाब : आज खेती कृषि यंत्रों पर आधारित है. ज्यादातर किसानों के पास अपनी सुविधा के अनुसार छोटेबड़े कृषि यंत्र भी हैं. लेकिन ट्रैक्टर सभी किसानों की पहुंच में नहीं हैं. यहां हम उन्हीं कृषि यंत्रों की बात करने जा रहे हैं, जो ट्रैक्टर द्वारा चालित हैं.
खेती की तैयारी के लिए ट्रैक्टरचालित उपयोगी यंत्र हैरो/कल्टीवेटर, हैप्पी सीडर, रिवर्सेबल प्लाऊ, रीपर, रोटावेटर, रीपर कम बाइंडर, जीरो ट्रिल/सीड ड्रिल कम फर्टिलाइजर ड्रिल, थ्रेशर, मल्टीक्राप थ्रेशर, राइस ट्रांसप्लांटर, पोटैटो प्लांटर, पोटैटो डिगर आदि.
इन में कल्टीवेटर, रोटावेटर जैसे यंत्र खेत को तैयार करने यानी खेत की जुताई करने के काम आते हैं. रिवर्सेबल प्लाऊ खेत की मिट्टी में गहराई तक पहुंच कर काम करता है. रीपर यंत्र गेहूंधान जैसी फसलों की कटाई का काम करता है. इसी का अत्याधुनिक यंत्र है, रीपर कम बाइंडर. यह यंत्र फसल की कटाई करने के साथसाथ उन के गट्ठर भी बनाता चलता है.
जीरो ट्रिल यंत्र से खेत में बिना जुताई किए सीधे ही बीज की बोआई की जाती है. इसी का आधुनिक कृषि यंत्र जीरो कम फर्टिलाइजर ड्रिल है. यह यंत्र भी बिना जुताई किए खेत में बीज की बोआई करने के साथसाथ खेत में उर्वरक भी डालता है. इस यंत्र के इस्तेमाल से खेत की जुताई का खर्च बचता है. साथ ही, समय की भी बचत होती है. उदाहरण के लिए गेहूं व धान की कटाई के बाद आप सीधे ही बोआई कर सकते हैं.
थ्रेशर यंत्र की बात करें, तो यह बहुत ही आम यंत्र है. यह यंत्र तैयार फसल की गहाई करने के काम आता है, जिस से तैयार उपज से अनाज अलग हो जाता है और भूसा अलग हो जाता है.
मल्टीक्राप थ्रेशर के बारे में जैसा नाम से ही पता चल रहा है कि इस अकेले यंत्र से कई अलगअलग फसलों की गहाई की जा सकती है. इस में गहाई करने वाली खास फसलें हैं. जैसे गेहूं, धान, मक्का, दलहनी और तिलहनी फसलें आदि.
अब बात करते हैं राइस प्लांटर की. राइस प्लांटर धान की बोआई करने वाला यंत्र है. इस के अलावा धान की रोपाई करने वाला पैडी प्लांटर भी होता है, जिस से धान पौध की बोआई की जाती है. इस यंत्र में ट्रैक्टर की आवश्यकता नहीं होती. यह इंजन फिटेड यंत्र है, जिस को एक व्यक्ति द्वारा खेत में चलाया जाता है. इस यंत्र के इस्तेमाल से धान की रोपाई में अधिक मजदूरों की जरूरत नहीं होती और कम समय में अधिक रकबे में धान की रोपाई की जा सकती है.
ट्रैक्टर से चलने वाले पोटैटो प्लांटर यंत्र द्वारा आलू कंद की बोआई की जाती है, जो उचित दूरी और गहराई में आलू बीज गिराता है. इस यंत्र के इस्तेमाल से आलू की अच्छी पैदावार मिलती है.
आलू फसल तैयार होने के बाद उस की खुदाई के लिए पोटैटो डिगर यंत्र है. आलू खुदाई करने वाले इस यंत्र को भी ट्रैक्टर द्वारा चलाया जाता है. इस यंत्र से आलू खुदाई के बाद मजदूरों द्वारा आलू को चुन लिया जाता है. इस के अलावा अनेक कृषि यंत्र हैं, जो किसानों के लिए खेती में खासा मददगार हैं.