एक तरह की चाट है सेवपूरी, जिसे चाट के साथ ही साथ नाश्ते के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, उत्तर भारत के सभी प्रदेशों में इसे खाया जाता है. कई जगहों पर इसे पपड़ी चाट के नाम से भी जाना जाता है.

रेस्तरां से ले कर सड़क पर लगने वाली चाट की दुकानों तक में यह खूब बिकती है. सेवपूरी की सब से खास बात यह है कि इस में कई तरह के स्वाद मिलते हैं. यह 30 रुपए प्रति प्लेट से ले कर 80 रुपए प्रति प्लेट तक में बिकती है. 1 प्लेट में 6 से ले कर 8 सेवपूरी होती हैं. मुंबई में यह स्ट्रीट फूड की तरह बिकती है. सेवपूरी या पपड़ी चाट को बनाना बहुत ही सरल होता है.

पपड़ी चाट के कारीगर निशांत कुमार बताते हैं कि सब से पहले पूरी या पपड़ी बनानी होती है. यह करारी और छोटे आकार की होती है. इसे मैदे से बनाया जाता है. इसे तेल या घी में फ्राई कर लेते हैं. जब करारी पूरी तैयार हो जाती है, तो उस में डालने के लिए चाट को तैयार करते हैं. इमली और खजूर की चटनी पहले से बना लें. जब चटनी तैयार हो जाए तो पपड़ी चाट को तैयार करने की शुरुआत करें. अगर आप 16 पपड़ी की चाट तैयार करना चाहते हैं, तो निम्न सामग्री की जरूरत होती है.

पपड़ी चाट पर डालने के लिए सामग्री : 16 पपड़ी, 2 कप आलू कटे हुए, चौथाई कप मूंग उबली हुई, आधा कप टमाटर कटा हुआ, आधा कप प्याज कटा हुआ, 6 चम्मच इमलीखजूर की चटनी, 4 चम्मच हरी चटनी, आधा चम्मच चाट मसाला, आधा कप सेव, 1 चम्मच कटा हरा धनिया.

पपड़ी चाट बनाने की विधि : सब से पहले हरी चटनी तैयार करें. इस को लहसुन, खटाई और हरा धनिया डाल कर बनाया जाता है. 1 प्लेट में 4 पपड़ी रखना ठीक रहता है. पपड़ी अलगअलग कर के रखें. अब हर पपड़ी में आधा चम्मच कटा आलू, प्याज, टमाटर, मूंग रख दें. फिर हरी और इमली खजूर की चटनी डाल दें. इस के बाद ऊपर से महीन किस्म के सेव डाल दें. बारीक कटे प्याज और हरी धनिया से इसे सजा दें. चाट बनाने का काम खाने के समय ही करें. इसे पहले से बना कर न रखें. पहले से बनाई गई चाट की पपड़ी में कुरकुरापन नहीं रह जाता है. पपड़ी चाट का मजा तभी आता है, जब चाट में कुरकुरापन रहता है.

मुंबई और कई शहरों में यह चाट एक रोजगार का जरीया भी है. सड़कों के किनारे इसे खूब बेचा जाता है. सेवपूरी मुंबई में भेल पूरी, पाव भाजी और बड़ा पाव जितनी ही मशहूर है. यहां आने वाले समुद्र के किनारे टहलते हुए इसे खूब खाते हैं. सेवपूरी को तैयार करने में सब से अहम रोल इस के साथ परोसी जाने वाली चटनी का होता है. चटनी का स्वाद ही इसे खास बनाता है.

सेवपूरी को बनाने में प्रयोग होने वाले सेव काफी महीन होने चाहिए. सेव बनाने में अच्छी किस्म के बेसन और तेल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसी तरह से पपड़ी को भी बनाने के लिए भी अच्छी किस्म के मैदे और तेल का इस्तेमाल करें.

एक बार लोगों की जबान पर सेवपूरी के स्वाद के चढ़ने भर की देर है. इस के बाद दुकान चलने में कोई दिक्कत नहीं होती है. लोगों को चाट में अपने मनपसंद स्वाद का ही इंतजार होता है. कुरकुरा, मीठा और तीखा स्वाद पपड़ी चाट या सेवपूरी को खास बनाता है.

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