वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा उपज गारंटी योजना के रूप में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए चलाई जा रही है, जिस के अंतर्गत प्रतिकूल मौसमीय स्थितियों के कारण फसल की बोआई न कर पाने/असफल बोआई, फसल की बोआई से कटाई की अवधि में प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से फसल नष्ट होने की स्थिति एवं फसल कटाई के बाद खेत में कटी हुई फसलों को बेमौसम/चक्रवाती वर्षा, चक्रवात से फसल नुकसान की स्थिति में फसल पैदा करने वाले किसानों, जिन के द्वारा फसल का बीमा कराया गया है, को बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
चयनित जनपदों में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लागू किया गया है, जिस में प्रतिकूल मौसमीय स्थितियों कम व अधिक तापमान, कम व अधिक वर्षा आदि से फसल नष्ट होने की संभावना के आधार पर फसल के उत्पादक किसानों, जिन के द्वारा फसल का बीमा कराया गया है, को बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता दी जाती है.
प्राकृतिक आपदा से बरबाद फसल की भरपाई के लिए क्या पैमाना है?
अधिसूचित फसलों पर मौसम के अंत में संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर फसल की क्षति का आकलन किया जाता है और संबंधित किसानों को उपज में कमी के अनुरूप क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है.
योजना के नियमों के अनुरूप क्षतिपूर्ति देय होने पर बीमा कंपनी द्वारा किसानों के बैंक खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि जमा करा दी जाती है, इसलिए क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए किसानों को व्यक्तिगत दावा प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है.
ग्राम पंचायत में अधिसूचित फसल के अधिकांश किसानों द्वारा फसल की बोआई न कर पाने/असफल बोआई की स्थिति में क्षति का आकलन ग्राम पंचायत स्तर पर करते हुए प्राथमिकता पर क्षतिपूर्ति देय होती है.
योजना में स्थानिक आपदाओं, ओला, भूस्खलन व जलभराव और फसल की कटाई के उपरांत आगामी 14 दिन की अवधि तक फसल नष्ट होने की स्थिति में फसल की क्षति का आकलन व्यक्तिगत बीमित किसान के स्तर पर करते हुए किसानों को प्राथमिकता पर आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है, जिस को मौसम के अंत में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर देय कुल क्षतिपूर्ति की धनराशि में समायोजित किया जाता है.
इसी प्रकार फसल की मध्य अवस्था तक ग्राम पंचायत में फसल की संभावित उपज सामान्य उपज से 50 फीसदी कम होने की स्थिति में भी किसानों को आपदा की स्थिति तक उत्पादन लागत में व्यय के अनुरूप तात्कालिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसे मौसम के अंत में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर देय कुल क्षतिपूर्ति की धनराशि में समायोजित किया जाता है.
पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में फसल की क्षति का आकलन ब्लौक में स्थापित स्वचालित मौसम केेंद्र स्तर पर मौसम के प्रतिदिन के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है.
फसल की बोआई से कटाई के प्रत्येक महत्त्वपूर्ण चरणों में फसल की आवश्यकतानुसार निर्धारित मौसमीय स्थितियों एवं मौसम की वास्तविक स्थिति में अंतर के अनुरूप फसल की संभावित क्षति को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है.