मयूरभंज : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बीते 13 जनवरी, 2025 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में डेयरी और पशुधन क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहलों की एक श्रृंखला का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया.

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग की अगुआई में इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर आजीविका को बढ़ाना, पशुधन उत्पादकता में सुधार करना और क्षेत्र में महत्वपूर्ण पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करना है.

इस कार्यक्रम में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, केंद्रीय  शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री  जौर्ज कुरियन  और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित कई व्यक्ति उपस्थित थे.

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के तहत मयूरभंज में ‘मवेशी प्रेरण’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस पहल में ओडिशा के मयूरभंज जिले में चुने गए लाभार्थियों को 3,000 उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले मवेशियों का वितरण किया गया. पशुपालन और डेयरी विभाग की ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ योजना के तहत राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा मयूरभंज में 5 सालों में 37.45 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ उत्पादकता वृद्धि परियोजना कार्यान्वित की जा रही है.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ाना, ग्रामीण आय को मजबूत करना और टिकाऊ पशुधन विधियों को बढ़ावा देना है. कार्यक्रम के हिस्से के रूप में गिफ्ट मिल्क प्रोग्राम भी शुरू किया गया. साथ ही, कुपोषण से निबटने और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए डिजाइन किए गए  इस कार्यक्रम में मयूरभंज जिले के लगभग 1,200 स्कूली बच्चों को विटामिन ए और डी से भरपूर 200 मिलीलिटर फ्लेवर्ड दूध प्रदान किया जाएगा.

इस पहल का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पोषण और शिक्षा पर ऐसे कार्यक्रमों के सकारात्मक प्रभाव पर भी ध्‍यान दिया और उम्मीद जताई कि इस तरह के प्रयास देशभर में इसी तरह के कार्यक्रमों के लिए एक मौडल के रूप में काम करेंगे. इस के अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा राज्य में दूध खरीद, प्रसंस्करण और विपणन को मजबूत करने के लिए एक बाजार सहायता कार्यक्रम शुरू किया.

इस पहल का उद्देश्य राज्य में दूध खरीद क्षमता को 5 लाख लिटर प्रतिदिन से बढ़ा कर 10 लाख लिटर प्रतिदिन करना है. यह कार्यक्रम किसानों के लिए बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए ब्रांडिंग और वितरण नैटवर्क बनाने पर केंद्रित है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डेयरी क्षेत्र में दूरदर्शी नीतियों और अभिनव कार्यक्रमों के  माध्यम से बदलाव लाने में पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रयासों की भी सराहना की. उन्होंने दूध उत्पादन में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो पिछले दशक में वैश्विक रुझानों को पार करते हुए 6 फीसदी सालाना दर से बढ़ा है.

राष्ट्रपति ने पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और डेयरी फार्मिंग में लाभ को बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान और उच्‍च गुणवत्तायुक्‍त वीर्य संवर्धन जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ की सफलता पर जोर दिया, जिस ने देशी गोजातीय नस्लों की नस्ल सुधार और उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने ग्रामीण आर्थिक विकास को गति देने और किसानों के लिए बाजार संपर्क में सुधार करते हुए महत्‍वपूर्ण डेयरी पहलों के लिए निरंतर समर्थन प्रदान करने के लिए पशुपालन व डेयरी विभाग और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के प्रयासों की भी सराहना की.

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि स्थायी ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने में पशुधन की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने नवोन्मेषी और किसान केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से डेयरी और पशुधन क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

इस कार्यक्रम में ओडिशा के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री  गणेश राम सिंह खुंटिया, ओडिशा के पशु संसाधन विकास, मत्स्यपालन और एमएसएमई मंत्री  गोकुलानंद मल्लिक, पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, पशुपालन और डेयरी विभाग की अतिरिक्त सचिव  वर्षा जोशी, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह, ओडिशा के मत्स्यपालन और पशु संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव सुरेश कुमार वशिष्ठ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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