पुणे : पुणे के जीडी मदुलकर नाट्यगृह में 13 जनवरी, 2025 को उद्यमिता विकास सम्मेलन 2025, जिस का विषय था “उद्यमियों को सशक्त बनाना, पशुधन अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना” का आयोजन किया गया.

इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री  राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और जौर्ज कुरियन के साथ किया.  इस अवसर पर महाराष्ट्र की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री  पंकजा मुंडे भी मौजूद थीं.

इस सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कुल 40 परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इन में से 20 परियोजनाएं राष्ट्रीय पशुधन मिशन और 20 परियोजनाएं पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के तहत शामिल हैं.

इस सम्मेलन में आए मंत्रियों ने प्रदर्शनी स्टालों का दौरा किया, उद्यमियों से बातचीत की और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों को सम्मानित किया गया. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु और उद्यमिता कार्यक्रम के लिए कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश राज्यों को सम्मानित किया गया. साथ ही, कैनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी जैसे बैंकों को इन योजनाओं के तहत क्रेडिट सहायता के लिए भी सम्मानित किया गया.

मंत्रियों ने पशुपालन अवसंरचना विकास निधि और राष्ट्रीय पशुधन मिशन लाभार्थियों की सफलता की कहानियों पर प्रकाश डालने वाले 2 संग्रहों का अनावरण किया. राष्ट्रीय पशुधन मिशन 2.0 का शुभारंभ किया और राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के लिए एक निगरानी डैशबोर्ड भी लौंच किया गया.

इस के अतिरिक्त पशुपालन और डेयरी विभाग ने 14 जनवरी से 13 फरवरी, 2025 तक “पशुपालन और पशु कल्याण माह” घोषित किया, जिस के दौरान देशभर में जागरूकता अभियान और शैक्षिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने पंकजा मुंडे और महाराष्ट्र सरकार को इस सम्मलेन की मेजबानी के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने ग्रामीण आर्थिक विकास में पशुपालन की भूमिका, “एफएमडीमुक्त भारत”  को प्राप्त करने के लिए एफएमडी टीकाकरण कार्यक्रमों की आवश्यकता और महाराष्ट्र सहित 9 एफएमडीमुक्त क्षेत्रों के बनाने पर जोर दिया.

उन्होंने  सरकारी उद्यमिता कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया और बैंकों से किसानों व महिला उद्यमियों का समर्थन करने के लिए लोन प्रक्रियाओं को आसान बनाने का निवेदन किया.

उन्होंने आगे बताया कि 24 जून, 2020 को ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज के तहत शुरू किया गया पशुपालन अवसंरचना विकास निधि 17,296 करोड़ रुपए की धनराशि के साथ  डेयरी प्रसंस्करण, मांस प्रसंस्करण, चारा उत्पादन और पशु चिकित्सा के बुनियादी ढांचे में परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है, जिसे अब अतिरिक्त वित्त पोषण और विस्तारित लाभों के साथ बढ़ाया गया है. अब तक 10,356.90 करोड़ रुपए की लागत वाली 362 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिस में 247.69 करोड़ रुपए ब्याज सब्सिडी जारी की गई है.

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया कि साल 2021 में शुरू की गई पुनर्गठित राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत राष्ट्रीय पशुधन मिशन- उद्यमिता विकास कार्यक्रम गतिविधि मुरगीपालन, भेड़, बकरी, सूअर, ऊंट और अन्य पशुधन के साथसाथ चारा उत्पादन और ग्रेडिंग बुनियादी ढांचे में परियोजनाओं के लिए 50 फीसदी पूंजी सब्सिडी (50 लाख रुपए तक) प्रदान करती है. अब तक 2,182.52 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 3,010 परियोजनाओं को 1,005.87 करोड़ रुपए की सब्सिडी के साथ मंजूरी दी गई है. यह योजना आनुवंशिक विकास कार्यक्रम, चारा एवं खाद्य पहल और राज्य वर्गीकरण के आधार पर प्रीमियम सब्सिडी के साथ पशुधन बीमा भी प्रदान करती है.

महाराष्ट्र की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने इस क्षेत्र के विकास, उत्पादकता वृद्धि के लिए उद्यमिता के महत्व पर जोर दिया और बैंकों से किसानों के लिए लोन प्रक्रिया को सरल बनाने का अनुरोध किया.

राज्य मंत्री जौर्ज कुरियन ने पुणे की एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में प्रशंसा की और पशुपालन अवसंरचना विकास निधि  और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से 15,000 से अधिक नौकरियों का सृजन होगा, इस की भी जानकारी दी.

मंत्री एसपी सिंह बघेल ने पारंपरिक प्रथाओं की तुलना में नवीन पशुपालन तकनीकों को अपनाने की वकालत की और सटीक पशुधन गणना और बेहतर प्रजनन प्रथाओं के महत्व पर बल दिया.

कार्यक्रम की शुरुआत भारत सरकार की सचिव अलका उपाध्याय के भाषण से हुई, जिन्होंने पशुपालन को “उदयशील क्षेत्र” बताया, जिस में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने लंपी स्किन डिजीज के लिए वैक्सीन बनाने के महाराष्ट्र के प्रयासों की सराहना की और निजी क्षेत्र के निवेश, प्रयोगशाला मान्यता और उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

इस सम्मलेन में गोसेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा और कई सांसदों व परिषद के सदस्यों सहित कई प्रमुख व्यक्तियों ने भी भाग लिया. सम्मेलन में 2 तकनीकी सत्र हुए, ‘पशुधन क्षेत्र  विकास को गति देना: उद्यमिता, प्रसंस्करण और अवसर’ और ‘पशुधन क्षेत्र और लोन सुविधा में बैंकों और एमएसएमई की भूमिका’, जहां विशेषज्ञों ने निवेश और उद्यमिता के अवसरों पर चर्चा की.

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