जब भी मिठाई की बात होती है तब खोया और चीनी का स्वाद जबान पर आने लगता है. बालूशाही ऐसी मिठाई है जिस का स्वाद बिना खोया के भी दिनोंदिन याद रहता है.

बालूशाही जैसी खस्ता और स्वादिष्ठ मिठाई बहुत कम होती है. बालूशाही की एक खासीयत और है कि इस को बिना किसी दूसरी चीज की मदद के लंबे समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है. मैदा, घी और चीनी से बनी होने के चलते इस की कीमत भी कम होती है.

आम लोगों से ले कर खास लोगों तक को बालूशाही बहुत पसंद आती है. गांव और कसबों में शादीब्याह और दूसरे खास मौकों पर लोग बालूशाही जरूर बनवाते हैं. इस को लेनेदेने में भी बहुत इस्तेमाल किया जाता है. गांव में शादीब्याह के मौके पर आने वाले मेहमानों की तादाद ज्यादा होती है. कम खर्च में सब को मिठाई खिलाने के लिए बालूशाही जैसी सस्ती मिठाई काम आती है.

भारत के अलावा पाकिस्तान और दूसरे अरब देशों में भी बालूशाही बहुत चलन में है.

बालूशाही को बनाना आसान होता है. इस को कोई भी कारीगर बना सकता है. इसलिए बालूशाही सभी जगह मिल जाती है. कई दिन तक खराब न होने के चलते सफर में जाने वाले लोग इस को साथ ले कर जाते हैं. बालूशाही का स्वाद ही ऐसा होता है जो खाने वालों को अपना दीवाना बना देता है. कुछ बड़ी मिठाई की दुकानें देशी घी वाली बालूशाही बनाती हैं.

अच्छी बालूशाही वह होती है जो ठंडी होने के बाद भी खाने में स्वादिष्ठ और खस्ता लगे. बालूशाही के अंदर खाने पर कड़ापन नहीं लगना चाहिए. खाते समय ऐसा लगे कि अभी की बनी है तभी सही बालूशाही मानी जा सकती है.

ऐसी बालूशाही बनाने के लिए जरूरी है कि मैदा, बेकिंग पाउडर, दही और घी को सही तरह से मिलाया जाए. इस के मिलाने और फिर बालूशाही को घी में तलते सावधान रहने की जरूरत होती है.

अगर इस में कहीं कोई परेशानी हुई तो बालूशाही खस्ता नहीं बनेगी और उस के खाने में स्वाद भी नहीं आएगा.

बालूशाही बनाने की विधि

सब से पहले मैदा में बेकिंग पाउडर, दही और घी डाल कर मिलाया जाता है. कुनकुने पानी की मदद से इस को नरमनरम आटे की तरह गूंध लिया जाता है. आटा ज्यादा मलने की जरूरत नहीं होती है. सैट होने के लिए तैयार आटा को रख दें. 20-25 मिनट में यह सैट हो जाता है.

बालूशाही बनाने के पहले आटा एक बार फिर गूंध लें. इस आटे से नीबू के आकार की लोई बना लें. इसे अपने दोनों हाथों की मदद से गोलगोल तैयार कर लें. इस के बाद पेडे़ की तरह इस को दाब कर बीच में गड्ढा सा बना दें. सारे आटे की इसी तरह बालूशाही बना लें. इन को सूती कपड़े से ढक कर एक जगह रख लें.

बालूशाही को तलने के लिए कड़ाही में जरूरत के हिसाब से तेल डाल कर गरम करें. जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए तो बालूशाही को कड़ाही में डालें. धीमी और मीडियम आंच पर बालूशाही को ब्राउन होने तक तल लें. जब बालूशाही सही तरह से पक जाए तो उसे छलनी की मदद से थाली या प्लेट में निकाल लें.

अब 600 ग्राम चीनी में 300 मिलीलिटर पानी मिला कर गरम करते हुए एक तार की चाशनी बना लें. हलकी गरम इस चाशनी में बालूशाही डाल दें. 5-7 मिनट तक बालूशाही को चाशनी में पड़ा रहने दें. चिमटे की मदद से एकएक बालूशाही को बाहर निकाल कर प्लेट में ठंडा होने के लिए रख दें. कुछ समय बाद बालूशाही पर पड़ी चाशनी की परत ठंडी हो कर सूख जाएगी. बालूशाही को सजाने के लिए कतरे हुए बादाम, खरबूजे के बीज और चांदी के वर्क का इस्तेमाल किया जाता है. इस को 2 से 5 दिनों तक रखा जा सकता है.

बालूशाही बनाने की सामग्री

500 ग्राम मैदा से बालूशाही बनाने के लिए उस में 150 ग्राम घी मिलाने की जरूरत होती है. आधा चम्मच बेकिंग सोडा, आधा कप दही, 600 ग्राम चीनी के अलावा बालूशाही को तलने के लिए जरूरत के मुताबिक घी चाहिए होता है.

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