उदयपुर : 29 जनवरी, 2025. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के आईपीएम थिएटर में प्रयोगशालाओं की एनएबीएल मान्यता पर एकदिवसीय जागरूकता कार्यशाला हुई.
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. भूमि राजगुरू द्वारा एनएबीएल संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न कार्ययोजनाओं की रूपरेखा एवं एनएबीएल द्वारा प्रदत्त प्रयोगशालाओं की मान्यता प्राप्त करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया और संस्थान द्वारा दी जाने वाली मान्यता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए खाद्य एवं कृषि रसायनों के मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं के परीक्षण, प्रमाणपत्र का राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की. डा. राजगुरू ने विकसित भारत 2047 हेतु गुणवत्तायुक्त उत्पादन उपलब्ध कराए जाने पर जोर दिया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अभियंता कुलदीप सिंह राजपूत ने प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता के मापदंडों की जानकारी देते हुए वर्तमान युग में एनएबीएल संस्थान द्वारा किए जा रहे कामों की सराहना की.
कार्यक्रम संयोजक डा. एसएस लखावत, प्राध्यापक, उद्यान विज्ञान एवं सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने बताया कि विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिभागियों, विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों एवं स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विद्या वाचस्पति विद्याथियों को इस कार्यशाला के माध्यम से एनएबीएल द्वारा प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के तहत 200 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन करवाते हुए कार्यक्रम में भाग लिया.
कार्यक्रम के अंत में कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. केके यादव द्वारा मिट्टी की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य सुधार पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के निर्देशन में आयोजित एनएबीएल कार्यशाला हेतु कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक व महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. आरबी दुबे का आभार व्यक्त किया.
कार्यक्रम का संचालन डा. अमित दाधिच, सहप्राध्यापक एवं प्लेसमेंट अधिकारी, पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग द्वारा समस्त सहभागियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया.