किसानों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों की ओर से अधिक कृषि वस्तुओं को शामिल करने की निरंतर मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने ई-नाम के तहत व्यापार के दायरे को और बढ़ाने का फैसला किया है.

इस पहल का उद्देश्य कृषि वस्तुओं की कवरेज को बढ़ाना और किसानों व व्यापारियों को डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफार्म से लाभ उठाने के लिए अधिक अवसर प्रदान करना है, विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई) ने 10 अतिरिक्त कृषि वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंड तैयार किए हैं.

ये नए वस्तु मापदंड राज्य की एजेंसियों, व्यापारियों, विषय विशेषज्ञों और एसएफएसी सहित प्रमुख हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुमोदन के परिणामस्वरूप है.

डीएमआई को ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) प्लेटफार्म पर व्यापार की जाने वाली कृषि वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंडों को तैयार करने का काम सौंपा गया है. ये व्यापार योग्य मापदंड किसानों को कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और व्यावसायिकता सुनिश्चित कर के उन की उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. यह पहल पारदर्शिता बढ़ाती है, निष्पक्ष व्यापार कार्यप्रणालियों को सुविधाजनक बनाती है और कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देती है.

डीएमआई ने 221 कृषि वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंड तैयार किए हैं, जो ई-नाम प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं और 10 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल करने से सूची में 231 वस्तुएं शामिल हो जाएंगी.

विविध वस्तुएं :

      1. तुलसी के सूखे पत्ते
      2. बेसन(चने का आटा)
      3. गेहूं का आटा
      4. चना सत्तू(भुने हुए चने का आटा)
      5. सिंघाड़े का आटा

मसाले :

      1. हींग
      2. सूखे मेथी के पत्ते

सब्जियां :

      1. सिंघाड़ा
      2. बेबीकौर्न

फल :

      1. ड्रैगन फ्रूट

नंबर 4 से 7 तक की वस्तुएं द्वितीयक व्यापार की श्रेणी में आती हैं और इस से एफपीओ को मूल्यवर्धित उत्पादों के विपणन के साथसाथ इस क्षेत्र में व्यापार को औपचारिक बनाने में मदद मिल सकती है.

ये नए स्वीकृत व्यापार योग्य मापदंड ई-नाम पोर्टल (enam.gov.in) पर उपलब्ध होंगे, जिस से कृषि वस्तुओं के डिजिटल व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए प्लेटफार्म की क्षमता और मजबूत होगी. यह कदम किसानों को बेहतर बाजार पहुंच, बेहतर मूल्य निर्धारण और बेहतर गुणवत्ता आश्वासन प्रदान करेगा, जिस से उन के आर्थिक कल्याण को बढ़ावा मिलेगा. इन अतिरिक्त व्यापार योग्य मापदंडों को तैयार किया जाना कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने, अधिक समावेशिता, दक्षता और बाजार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के सरकार के जारी प्रयासों के अनुरूप है.

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