लखनऊ : 10 जून, 2023. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश के गन्ना विभाग ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. उत्तर प्रदेश देश के सब से बड़े गन्ना उत्पादक राज्य से सब से अधिक चीनी उत्पादन करने वाले राज्य में बदल गया है. साथ ही, सब से बड़े एथेनाल उत्पादक राज्य और खांडसारी की सर्वाधिक यूनिट वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश की मिठास को गन्ने ने दुनिया में पहुंचाया है.
मुख्यमंत्री लोक भवन में राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाणपत्र वितरण, 25 सहकारी गन्ना और चीनी मिल समितियों के नवनिर्मित भवनों का डिजिटली लोकार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने 4 गन्ना समितियों के प्रतिनिधियों, 8 चीनी मिलों के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील गन्ना किसानों को सम्मानित किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मांग और पूर्ति बाजार का नियम है. जब चीनी ज्यादा होती है, तो इस की मांग कम होती है और बाजार में उचित दाम नहीं मिलता है. चीनी मिल मालिकों ने सरकार से एथेनाल बनाने की अनुमति मांगी, जिस से वे समय पर किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर सकें. आज ज्यादातर चीनी मिलें चीनी के साथ एथेनाल भी बना रही हैं. एथेनाल के माध्यम से उत्तर प्रदेश ग्रीन एनर्जी का केंद्र भी बन रहा है.
उत्तर प्रदेश की धरती में एक एकड़ में 1,000 क्विंटल गन्ना उत्पादन की क्षमता है. इन किसानों ने एक एकड़ में 1,000 क्विंटल गन्ना उत्पादन के हमारे सपने को सच किया है. ‘प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्’.
आज यहां इस कार्यक्रम में 2,640 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन करने वाले किसान भी मौजूद हैं. हमारे अन्नदाता किसानों ने अपनी सामर्थ्य और परिश्रम से यह सिद्ध किया है कि यदि हम थोड़ा सा भी प्रयास करें, तो उत्तर प्रदेश की धरती से इतना गन्ना उत्पादन हो सकता है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज यहां सहकारी गन्ना समितियों के भवनों का लोकार्पण भी किया गया है. यह भवन इन समितियों के कामों को व्यवस्थित बनाने के साथ ही खाद और चीनी के गोदाम के रूप में भी प्रयोग किए जा सकते हैं.
गन्ना विभाग ने पिछले 6 वर्षों में हर क्षेत्र में कुछ नया कर के दिखाया है. इस का परिणाम है कि वर्ष 2007 से वर्ष 2017 के बीच कुल गन्ना मूल्य का भुगतान 1 लाख करोड़ के लगभग हुआ था, जबकि वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के 6 वर्षों में गन्ना किसानों को 2 लाख, 13 हजार, 400 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है. साथ ही, अन्नदाता किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से यह राशि चीनी मिल मालिकों द्वारा भेजी गई है. खांडसारी उद्योग में हुई अतिरिक्त गन्ना पेराई का नकद भुगतान किया गया है. एथेनाल उत्पादन का भी अतिरिक्त मूल्य मिल रहा है.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों द्वारा 14 दिनों में गन्ना मूल्य का भुगतान किए जाने की व्यवस्था की है, जबकि लगभग 100 चीनी मिलें एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं, शेष चीनी मिलें भी धीरेधीरे यह काम करने लगेंगी. हमारी सरकार ने 4 बंद चीनी मिलों को चलाया है और इस दौरान 2 नई चीनी मिलें भी स्थापित की गई हैं. चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे. उन्होंने छपरौली की चीनी मिल का पुनरुद्धार किए जाने की बात कही थी. पिछली सरकारों ने इस विषय में कोई काम नहीं किया. यह गर्व का विषय है कि हमारी सरकार ने छपरौली में नई चीनी मिल स्थापित की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बस्ती की मुंडेरवा में चीनी मिल बंद होने पर आंदोलन हुआ था. हमारी सरकार ने वहां एक नई चीनी मिल की स्थापना की. वह अपनी पूरी क्षमता से चल रही है. ये चीनी मिलें किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने और विकास का प्रतीक बनी हैं. इस से अनेक लोगों को रोजगार मिला है और गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से बंद चीनी मिलें चलाई जा रही हैं, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से विगत 6 वर्षों में प्रदेश में लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है. इस से गन्ना खेती का दायरा बढ़ा है और गन्ना किसानों की तादाद 45 लाख से बढ़ कर 60 लाख हुई है.
कई चीनी मिलें टिश्यू कल्चर के माध्यम से किसानों को अच्छा गन्ना बीज समय से उपलब्ध करा रही हैं. ये खेती की उत्पादकता और गन्ना किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जीडीपी में गन्ना और चीनी का सम्मिलित योगदान लगभग 9 फीसदी है. आज जिन किसानों, चीनी मिलों के प्रतिनिधियों और महिला स्वयंसेवी सहायता समूहों के सदस्यों को सम्मानित किया गया है, उन का उत्तर प्रदेश की प्रगति में बड़ा योगदान है.
इस अवसर पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी सहित गन्ना विभाग के अधिकारी, चीनी मिलों एवं सहकारी समितियों के प्रतिनिधि और तमाम किसान उपस्थित थे.