सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज कैरियर की सफलता के रहस्य नौकरी में साक्षात्कार एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन कृषि महाविद्यालय के सभागार में किया गया.

इस कार्यशाला में कैरियर लौंचर की टीम द्वारा छात्रछात्राओं को विभिन्न विषयों की जानकारी दी गई. कार्यशाला के दौरान केंपस इंटरव्यू एवं स्किल डेवलपमेंट के टिप्स दिए गए.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके सिंह ने छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं कैरियर में सफलता हासिल करने के लिए इस तरह की कार्यशाला को काफी उपयोगी बताया.

उन्होंने यह भी कहा कि जब केंपस हायरिंग में पूछा जाता है कि आप एक टीम प्लेयर हैं या अकेले काम करना पसंद करते हैं तो दरसल वह टीम के साथ मिल कर काम करने की भावना को परख रहे होते हैं, क्योंकि प्लेसमेंट के बाद छात्र को शुरुआती स्तर पर नियुक्ति मिलती है और उस के लिए एक अच्छा टीम प्लेयर होना बहुत जरूरी है. साथ ही, कुलपति ने कहा कि कैंपस में कंपनियां छात्र के तकनीकी ज्ञान को ही नहीं परखती, बल्कि उस के व्यक्तित्व विकास को भी परखती है, इसलिए छात्र में आत्मविश्वास, जागरूकता उन की तैयारी को दर्शाता है.

निदेशक ट्रेनिंग व प्लेसमेंट प्रो. आरएस सेंगर ने कहा कि कुछ नया सीखने की इच्छा किसी के भी स्किल को हमेशा ताजा और उपयोगी बनाए रखती है. यह लीडरशिप का एक गुण है कैंपस सिलेक्शन में एक फैशन के तौर पर आप को इस भावना को जरूर दिखाना चाहिए, इस से आप के उत्साही और नम्र व्यक्तित्व का भी पता चलता है और प्रगतिशीलता का भी पता चलता है. यह ना सिर्फ छात्रों के लिए, बल्कि कंपनी के काम को आगे बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी नजरिया होता है.

इंटरव्यू की तैयारी कैसे करें, इस विषय पर बोलते हुए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट ट्रेनर रिया जावला ने कहा कि यदि आप साक्षात्कार के लिए जाते हैं, तो केवल अपनी पर्सनैलिटी को ही अंदर ले कर जाते हैं, इसलिए सब से अधिक काम आप को अपने व्यक्तित्व पर करना चाहिए. उन्होंने साक्षात्कार के दौरान तैयारी के टिप्स छात्रछात्राओं को दिए. इस के उपरांत कैरियर काउंसलर एवं कैरियर लौंचर के डायरेक्टर डा. विक्रांत जावला ने “लक्ष्य कैसे चुनें” विषय पर व्याख्यान दिया. इस के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए कर चुके युगम सोनी ने “स्वयं को जानें” विषय पर अपने विचार रखे.

इस अवसर पर छात्रों को एप्टिट्यूड संबंधी जानकारी भी दी गई. जौइंट डायरेक्टर डा. सत्यप्रकाश ने कहा कि आज का युग प्रतियोगी युग है, जिस में छात्र को स्वयं को बहुत अच्छे से तैयार करने की आवश्यकता है.

इस कार्यशाला का संचालन प्रो. सत्यप्रकाश ने किया और धन्यवाद प्रस्ताव डा. शालिनी गुप्ता ने दिया. इस कार्यशाला में डा. अतुल गुप्ता, डा. सुरेश चंद्रा और बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी बायोटैक्नोलौजी, बीएससी इंजीनियरिंग व बीएससी हौर्टिकल्चर के लगभग 560 छात्रछात्राओं ने हिस्सा लिया.

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