उदयपुर : महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी औफ एग्रीकल्चर एंड टैक्नोलौजी और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ) ने एक समझौता ज्ञापन में प्रवेश किया है. एनआईएफ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त निकाय है, जिस का कार्यालय गांधीनगर, गुजरात में है.

यह जमीनी तकनीकी नवाचारों और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान को मजबूत करने के लिए भारत की राष्ट्रीय पहल है. इस का मिशन जमीनी तकनीकी नवप्रवर्तकों के लिए नीति और संस्थागत स्थान का विस्तार कर के भारत को एक रचनात्मक और ज्ञान आधारित समाज बनने में मदद करना है.

एमपीयूएटी कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थान शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के माध्यम से एक समावेशी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुए हैं. इस समझोते से छात्रों और विश्वविद्यालय की फैकल्टी को समाज के लिए उपयोगी नवीन परियोजनाओं पर काम करने (मूल्यवर्धन और सत्यापन) का अवसर मिलेगा.

एमपीयूएटी की फैकल्टी और छात्र अपने नवाचारों को विपणन योग्य समाधानों में बदलने के लिए जमीनी स्तर और छात्र नवप्रवर्तकों को अपना परामर्श व समर्थन प्रदान करेंगे. एनआईएफ में अनुसंधान कार्य करने के लिए छात्रों/शोधकर्ताओं का आदानप्रदान जमीनी स्तर के उत्पादों के सत्यापन और मूल्यवर्धन से संबंधित अनुसंधान और/या समाज की अपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए किया जा सकता है.

डा. अरविंद सी. रानाडे, निदेशक, एनआईएफ और सुधांशु सिंह, रजिस्ट्रार, एमपीयूएटी, उदयपुर ने कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक, प्रो. महेश कोठारी, निदेशक योजना और विस्तार, प्रो. पीके सिंह, अधिष्ठाता सीटीएई, डा. सांवल सिंह मीना, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ संकाय सदस्य की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक, डा. अरविंद सी. रानाडे और सुधांशु सिंह ने उल्लेख किया कि समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए सहयोग को सर्वोत्तम स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक संस्थान का पूर्ण सहयोग दिया जाएगा.

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