वाराणसी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में एकीकृत पैक हाउस से निर्यात किए जाने वाले आम और हरी सब्जियों के कंटेनर्स के फ्लैग औफ कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि अन्नदाता किसान समृद्ध होगा तो भारत भी समृद्ध होगा.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश उर्वरा भूमि व प्रचुर जल संसाधन का प्रदेश है. देश के 20 फीसदी खाद्यान्न को उत्तर प्रदेश का किसान उपजाता है. उत्तर प्रदेश दुनिया का पेट भरने की सामर्थ्य रखता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश न केवल खाद्यान्न के क्षेत्र में, बल्कि सब्जी, फल और अन्य कृषि उत्पादों के क्षेत्र में भी विश्व की आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंटीग्रेटेड पैक हाउस से आम, ताजी सब्जी व हरी मिर्च के 3 कंटेनर को झंडी दिखा कर रवाना किया.
उन्होंने पैक हाउस के प्राइमरी प्रोसैसिंग एरिया, फ्रूट प्रोसैसिंग एरिया एवं वेजिटेबल प्रोसैसिंग एरिया का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशानिर्देश दिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अन्नदाता किसान द्वारा उपजाए खाद्यान्न, सब्जी, फल इत्यादि को स्थानीय मार्केट के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश में पैक हाउस विकसित किए जा रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि कंटेनर व कार्गो की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. भारत सरकार के सहयोग से जनपद वाराणसी सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान वर्ष 2020 से कार्गो की सुविधा का लाभ कम दाम में प्राप्त कर रहे हैं. कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 15 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी प्रदान की जा रही है. एपीडा और प्रदेश सरकार के प्रयासों से आज हमारे कृषि उत्पाद वैश्विक बाजार में स्थान प्राप्त कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि इनलैंड वाटर वे का उपयोग खाद्य पदार्थों के निर्यात में किया जा रहा है. विगत 3-4 वर्षों में प्रदेश से खाद्यान्न, सब्जी व फलों के एक्सपोर्ट में 400 गुना की वृद्धि हुई है. आज उत्तर प्रदेश 19 हजार करोड़ रुपए के कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहा है. आने वाले समय में कृषि उत्पादों के निर्मात को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार काम कर रही है.
वाराणसी के एकीकृत पैक हाउस से निर्यात किए जाने वाले कृषि उत्पादों के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मार्च, 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के औद्योगिक क्षेत्र करखियाव में मैंगो एवं वेजीटेबल इंटीग्रेटेड पैक हाउस का लोकार्पण किया था. आज इस पैक हाउस से 3 कंटेनर में 30 टन ताजी सब्जी, फल व हरी मिर्च वैश्विक बाजार को भेजी जा रही है. यह हमारे अन्नदाता किसानों व बागबानों की आमदनी को प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप कई गुना बढ़ाने के अभियान का हिस्सा है.
वाराणसी से यूएई के लिए हरी मिर्च की एक खेप, लखनऊ, रामपुर व मेरठ से आम की 3 खेप, आगरा व फर्रुखाबाद से आलू की 2 खेप यहां से पहले ही भेजी जा चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से वर्ष 2020 से ही ताजी सब्जी का निर्यात नई दिल्ली के रास्ते वाराणसी से लंदन तक हुआ है. बनारसी लंगडा आम का निर्यात लंदन व दुबई को हो रहा है. चंदौली के काला नमक चावल का निर्यात आस्ट्रेलिया को और वाराणसी के क्षेत्रीय चावल का निर्यात कतर को किया जा रहा है. भदोही, मिर्जापुर, बलिया, प्रयागराज व लखनऊ से सब्जी का और अमरोहा, मेरठ, आजमगढ़, बलरामपुर, सहारनपुर से आम का निर्यात किया जा रहा है.
फर्रुखाबाद व आगरा से आलू का, बागपत से शहद का निर्यात किया जा रहा है. कानपुर क्षेत्र से जामुन का निर्यात लंदन व दुबई को हो रहा है. लखनऊ व लखीमपुर खीरी से केला ईरान को भेजा जा रहा है. हाथरस से भैंस के दूध का मक्खन न्यूजीलैंड को भेजा जा रहा है. वहीं सिद्धार्थनगर से काला नमक चावल, बिजनौर से गुड़, कानपुर से मूंगफली का निर्यात लगातार बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उन के नेतृत्व में देश दिनप्रतिदिन नई ऊंचाइयां छू रहा है. विगत 9 सालों में अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी से अधिक हुई है. प्रदेश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है. ‘वन ड्राप मोर क्राप’ अभियान द्वारा अधिक से अधिक भूमि को सिंचाई योग्य बनाया जा रहा है. किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी प्राप्त हो रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देश के 12 करोड़ किसान प्राप्त कर रहे हैं. इस के अंतर्गत अन्नदाता किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से 6,000 रुपए हर साल भेजे जा रहे हैं. डबल इंजन सरकार ने किसानों की समृद्धि के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है.
इस से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडी निदेशक अंजनी कुमार सिंह को प्रमाणपत्र प्रदान किया और प्रगतिशील किसानों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिह्न दे कर सम्मानित किया. उन्होंने कृषि उत्पादों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि गत वर्ष 550 मीट्रिक टन से अधिक आम और सब्जियों को वाराणसी से विदेशों को भेजा गया. इस वर्ष अब तक 300 मीट्रिक टन कृषि उत्पाद निर्यात किए जा चुके हैं. इस पैक हाउस से 10,000 किसानों को लाभ पहुंच रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि खाड़ी देशों के अलावा यूरोप व अमेरिका तक हमारे कृषि उत्पाद पहुंचे, यह लक्ष्य रखा गया है. इसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात के मामले में देश में पांचवें स्थान पर है. मिर्जापुर में शीघ्र ही पैक हाउस बनना शुरू हो जाएगा. प्राकृतिक खेती के लिए क्लस्टर बनाए गए हैं. उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने और मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने की बात कही.
कार्यक्रम को उद्यान, कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह और अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने संबोधित किया. इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप और न्यायालय एवं पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण और शासनप्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
ज्ञातव्य है कि करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में प्रदेश का तीसरा और पूर्वांचल का पहला पैक हाउस बन कर तैयार है. इस पैक हाउस ने पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया है. पहली बार पैक हाउस से जीआई टैग मिलने के बाद फलों का राजा बनारसी लंगड़ा आम दुबई भेजा गया. साथ ही, हरी मिर्च व अन्य सब्जियों को भी भेजा गया है. पैक हाउस में बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीटऔर हीट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजारा जाएगा. मानक के तहत एक साइज के आम को मशीन से अलग कर उस की पैकेजिंग की गई है, जबकि हरी मिर्च की छंटाई, ग्रेडिंग समेत अन्य प्रक्रियाओं से गुजार कर पैकिंग की गई है.
प्रत्येक पैकेट में 35 किलोग्राम हरी मिर्च रखी गई है. पैक हाउस से फलसब्जियों को अंतर्राष्ट्रीय मानक का पालन करते हुए अलगअलग देशों की मांग के अनुरूप पैक कर भेजने की प्रक्रिया की जाती है. एक दर्जन से अधिक एफपीओ एपीडा से जुड़ कर अपने उत्पादों को दुबई समेत अन्य देशों में भेज रहे हैं. जल्द और भी एफपीओ जुड़ेंगे और पैक हाउस की सुविधा का लाभ लेंगे. इस व्यवस्था से किसानों की आमदनी बढ़ेगी व बिचौलियों का हस्तक्षेप समाप्त होगा.
बाबतपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, वाराणसी से 10 किलोमीटर दूर करखियांव में बना पैक हाउस किसानों के उत्पाद को विदेशों में भेजने के अलावा ट्रेनिंग भी देगा, ताकि किसान अंतर्राष्ट्रीय मानक के तहत अपने उत्पादों को तैयार कर सकें. कुल 4,461 वर्ग फुट में निर्मित इस पैक हाउस पर कुल 15.78 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. वर्तमान में 500 से अधिक किसान एफपीओ के जरीए पैक हाउस से जुड़े हैं.
अभी तक वाराणसी से शारजाह जाने वाले विमान से प्रतिदिन सब्जियां जैसे हरी मिर्च, भिंडी, मुजफ्फरपुर की लीची, बिहार का जरदालू आम समेत अन्य फल, सब्जियां भेजी जा रही हैं. अब इन सभी को पैक हाउस से भेजा जाएगा. पहली बार आम व मिर्च भेजी गई हैं.