कई संकेत हैं जो यह तय करते हैं कि कोई पशु स्वस्थ है या किसी बीमारी से पीडि़त है. पशुपालक पशुओं के संकेतों की जांच कर के बीमार पशुओं और रोगों को प्रारंभिक अवस्था में पहचान सकते हैं. अगर यह एक गंभीर बीमारी को जन्म दे रहा है, तो प्रारंभिक निदान पशुओं को बचा सकता है. एक पशु स्वस्थ है या बीमार है इस का निर्धारण निम्नलिखित दिए गए सांकेतिक लक्षणों से किया जा सकता है :
* पशु की भोजन में अरुचि या सामान्य रूप से कम खाना. यह आमतौर पर बीमार पशु का पहला संकेत है.
* बीमार पशु समूह के अन्य पशुओं से अलगअलग या पीछेपीछे चलता है.
* वह जुगाली कम या फिर बंद कर देता है.
* अत्यधिक मात्रा में लार का टपकना.
* सांस लेने में तकलीफ होना.
* आंख, नाक या योनि से असामान्य स्राव.
* धंसा हुआ नेत्र गोलक भी बीमारी का संकेत होता है.
* दुधारू पशु के दूध में अचानक कमी आ जाती?है.
* मल त्याग में खिंचाव और तनाव.
* पेशाब के रंग व मात्रा में बदलाव.
* असामान्य ध्वनि निकालना (घुरघुराना).
* अचानक पेट के आकार में परिवर्तन होना.
* थनों में सूजन, दूध में छिछड़े व खून का आना थनैला रोग के लक्षण हैं.
महत्त्वपूर्ण संकेतों में बदलाव बीमारियों के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं, इसलिए पशुपालकों को स्वास्थ्य या अस्वस्थता के संकेतों के लिए पशुओं की लगातार जांच करनी चाहिए, ताकि समय रहते बीमारी का सुचारु रूप से उपचार किया जा सके.