पुणे : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के पुणे में सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक (सीआरसीएस) कार्यालय के डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
सहकारी समितियों के पंजीकरण और संशोधन से जुड़ी सेवाएं हुईं आसान
अपने संबोधन में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता के संस्कार महाराष्ट्र से ही पूरे देश में फैले और यहीं का कोऔपरेटिव मौडल देशभर में सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि आज अगर सहकारिता आंदोलन के विकास की दिशा देखते हैं, तो गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक यानी पुराने मुंबई राज्य के हिस्सों में ही सहकारिता आंदोलन आगे बढ़ा है और पनपा है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक कार्यालय को पूरी तरह डिजिटल करने का काम महाराष्ट्र के पुणे में शुरू करना पूरी तरह से प्रासंगिक है.
मंत्री अमित शाह ने कहा कि मल्टीस्टेट कोऔपरेटिव को संचालित करने वाले सेंट्रल रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) कार्यालय का काम पूरी तरह से डिजिटल हो रहा है. सहकारी समितियों के सभी काम जैसे नई ब्रांच खोलना, दूसरे राज्य में विस्तार करना या आडिट करना, ये सभी अब औनलाइन ही हो जाएंगे. केंद्रीय पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्रेशन, बायलौज का रजिस्ट्रेशन, उन में संशोधन, आडिटिंग, केंद्रीय पंजीयक द्वारा आडिटिंग की मौनीटरिंग, चुनाव की पूरी प्रक्रिया, एचआर का विकास, विजिलेंस और प्रशिक्षण आदि सभी गतिविधियों को समाहित कर इस पोर्टल को बनाया गया है और ये एक प्रकार से संपूर्ण पोर्टल है.
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकार से समृद्धि का विचार बहुत गहरे मंथन के साथ रखा है. उन्होंनेपिछले 9 सालों में देश के करोड़ों गरीबों को जीवन की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया है.
मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि गरीबों को घर, बिजली, शुद्ध पीने का पानी, गैस सिलिंडर, शौचालय, 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य का खर्चा और प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम अनाज मुफ्त देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के करोड़ों गरीब व्यक्ति देश के अर्थतंत्र के साथ नहीं जुड़े हुए थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन की आधारभूत जरूरतों को पूरा कर उन के बैंक खाते खोल कर उन्हें देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने का काम किया.
उन्होंने आगे कहा कि देश के गरीब को उद्यम के लिए अगर पूंजी की कमी है, तो उस के लिए सहकारिता आंदोलन एक उत्तम रास्ता है, इस के माध्यम से छोटी पूंजी वाले अनेक लोग इकट्ठा हो कर बड़ा उद्यम स्थापित कर सकते हैं.
सहकारिता के जरीए जीवनस्तर में आएगा बदलाव
मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकार से समृद्धि का मतलब है छोटे से छोटे व्यक्ति को अपने जीवन को उन्नत बनाने, उसे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देने के लिए एक मंच देना और सहकारिता के माध्यम से उस के जीवनस्तर को ऊपर उठाना है.
उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की.
मंत्री अमित शाह यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि शुरू हुए पोर्टल का फायदा देश की 1,555 बहुराज्यीय सहकारी समितियों को मिलेगा और इन में से 42 फीसदी समितियां केवल महाराष्ट्र में हैं, ये बताता है कि यहां सहकारिता आंदोलन कितना मजबूत है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि इन समितियों के सभी काम अब इस पोर्टल के माध्यम से हो सकेंगे. इस के बाद इसी पैटर्न पर राज्यों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों का भी कंप्यूटरीकरण करने जा रहे हैं, जिस से देशभर की 8 लाख कोऔपरेटिव सोसायटी के साथ संवाद सुगम बन जाएगा.
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना आगे नहीं बढ़ सकता.
उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता आंदोलन की स्वीकृति बढ़ाने के लिए पारदर्शिता बढ़ानी होगी और जवाबदेही तय करनी होगी. इस प्रकार की पारदर्शी व्यवस्था ही देश के करोड़ों लोगों को जोड़ सकती है.
मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने अमूल, इफको व कृभको जैसी सहकारिता की अनेक सफलता की कहानियां दुनिया के सामने रखी हैं, अब हमें इसे संजो कर सहकारिता के आंदोलन को नई गति देनी है.
सहकारी समितियों की जवाबदेही तय होगी
मंत्री अमित अमित शाह ने कहा कि हाल ही में मल्टीस्टेट कोऔपरेटिव सोसायटी कानून में भी संशोधन किया गया है. इस कानून के तहत हम ने निर्वाचन सुधार किए हैं, कोऔपरेटिव गवर्नेंस के लिए कई नए आयाम तय किए हैं, फाइनेंशियल डिसिप्लिन और फंड्स की पूर्ति के लिए व्यवस्थाएं, व्यापार की सुगमता के लिए व्यवस्था, निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग जैसी एक स्वतंत्र निकाय की व्यवस्था की है, बोर्ड को चलाने के नियमों में बदलाव और पारदर्शिता लाने के लिए बोर्ड औफ डायरेक्टर्स और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की हैं. मल्टीस्टेट कोऔपरेटिव सोसाइटी ऐक्ट, 2022 से सहकारी समितियों की जवाबदेही तय होगी और भाईभतीजावाद समाप्त होगा, जिस से युवा टैलेंट सहकारी आंदोलन से जुड़ पाएंगे.
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और सतत मार्गदर्शन में पीएसीएस को पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने अगले 5 सालों में देशभर में 3 लाख नए पीएसीएस बना कर सहकारिता आंदोलन को हर गांव तक पहुंचाने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में 93,000 पैक्स बने हैं और अगले 5 सालों में देश में 3 लाख नए पैक्स बनाए जाएंगे.
मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के सभी पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का काम समाप्त कर दिया है. पीएसीएस अब कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) हैं, जो कई प्रकार की
गतिविधियां कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्व की सब से बड़ी और मल्टीडायमेंशनल भंडारण योजना को स्वीकृति दी है. इस योजना का महाराष्ट्र को सब से अधिक फायदा लेना चाहिए और यहां एक भी तहसील ऐसी नहीं रहनी चाहिए, जहां कोऔपरेटिव की भंडारण व्यवस्था ना हो.
उन्होंने कहा कि अब कोऔपरेटिव्स को जीईएम प्लेटफार्म का भी फायदा मिल रहा है. नरेंद्र मोदी के सहकार से समृद्धि के विजन के तहत इस डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ कर सहकारिता मंत्रालय ने एक नई शुरुआत की है.