केंद्र सरकार ने 17 जुलाई, 2023 को चना दाल को ‘भारत दाल’ के ब्रांड नाम के अंतर्गत खुदरा पैक में बिक्री 1 किलोग्राम पैक के लिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम पैक के लिए 55 रुपए प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दरों पर शुरू की है, जिस से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दालें उपलब्ध हो सकें.
यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी.
भारत दाल का वितरण भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ), केंद्रीय भंडार और सफल की खुदरा दुकानों के माध्यम से किया जा रहा है. इस व्यवस्था के अंतर्गत चना दाल राज्य सरकारों को उन की कल्याणकारी योजनाओं, पुलिस, कारागारों के अंतर्गत आपूर्ति के लिए और राज्य सरकार नियंत्रित सहकारी समितियों और निगमों के खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए भी उपलब्ध कराई जाती है. उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध कराने के लिए सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के अंतर्गत 5 प्रमुख दालों चना, तुअर, उड़द, मूंग और मसूर का बफर स्टाक रखती है. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर से भंडार को कैलिब्रेटेड और लक्षित तरीके से बाजार में जारी किया जाता है.
उपभोक्ताओं के लिए तुअर दाल में मिलिंग के लिए स्टाक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बफर से तुअर का निबटान लक्षित और कैलिब्रेटेड तरीके से चल रहा है. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) बफर से चना और मूंग के भंडार लगातार बाजार में जारी किए जाते हैं. बाजार निबटान के अलावा बफर से दालों की आपूर्ति राज्यों को उन की कल्याणकारी योजनाओं और सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को भी की जा रही है.
घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तुअर और उड़द के आयात को 31 मार्च, 2024 तक ‘मुक्त श्रेणी’ के अंतर्गत रखा गया है और मसूर पर आयात शुल्क 31 मार्च, 2024 तक शून्य कर दिया गया है. सुचारु और निर्बाध आयात की सुविधा के लिए तुअर पर 10 फीसदी का आयात शुल्क हटा दिया गया है. जमाखोरी को रोकने के लिए 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत तुअर और उड़द पर 31 अक्तूबर, 2023 तक की अवधि के लिए भंडार की नियंत्रण सीमा लगा दी गई है.
उपभोक्ता कार्य विभाग के औनलाइन भंडार निगरानी पोर्टल के माध्यम से डीलरों, आयातकों, मिल मालिकों और व्यापारियों जैसी संस्थाओं द्वारा रखी गई दालों की लगातार निगरानी की जाती है.