कोंडागांव : औषधीय पौधों की और्गेनिक खेती में अपनी एक विशेष पहचान देशविदेश में बना चुके इलाके के किसान डा. राजाराम त्रिपाठी ने अब खेतीकिसानी में एक और बड़ा नवाचार करने का निर्णय ले लिया है.

उन्होंने हाल ही में मूलतः कैलिफोर्निया की एक कंपनी से हैलीकौप्टर खरीदी का अनुबंध किया है. हैलीकौप्टर की खरीद, आयात अनुमति, लाइसेंस, रखरखाव आदि के लिए उन्होंने दिल्ली की एक विशेषज्ञ कंपनी की सेवाएं ली है. यह हैलीकौप्टर आने वाले तकरीबन 25 माह में उन्हें उपलब्ध हो जाएगा, जिसे वे केवल सैरसपाटा के लिए उपयोग नहीं करेंगे, बल्कि मुख्य रूप से खेतीकिसानी में इस के महत्वपूर्ण उपयोग होने की बात डा. राजाराम त्रिपाठी ने कही है.

उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों में काली मिर्च, हलदी, सफेद मूसली, स्टीविया, इंसुलिन पौधा सहित वे अन्य देशीविदेशी विभिन्न प्रजातियों के पौधों की खेती बस्तर इलाके में पिछले ढाई दशक से करते आ रहे हैं. इस में उन्हें कभी फायदा तो कभी नुकसान भी झेलना पड़ा है, लेकिन मिश्रित खेती करने से फायदे व सफलता दोनों हाथ लगी है.

आसमान से करेंगे खाद व दवा का छिड़काव

डा. राजाराम त्रिपाठी अब काली मिर्च, आस्ट्रेलियन टीक जैसे पौधों की खेती की सुरक्षा के लिए अब ड्रोन की जगह हैलीकौप्टर के माध्यम से खाद व दवा का छिड़काव करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन के व आसपास के मित्रों के साथ ही गांव वालों के मिला कर तकरीबन 1,100 एकड़ खेत हैं. काला धान और अन्य ज्यादा लाभ देने वाली फसलों के साथ ही परंपरागत जैविक धान की खेती भी सैकड़ों किसान उन के साथ मिल कर पिछले कुछ सालों से जैविक पद्धति से करते आ रहे हैं, और धीरेधीरे उन से अब अन्य किसान भी जुड़ते चले जा रहे हैं. उन की काली मिर्च 70-80 फुट की ऊंचाई पर लगी हुई है, इतनी ऊंचाई पर जरूरी जैविक दवा का नीचे जमीन से छिड़काव करना मुश्किल है.

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