आइए, आज आप सब को  सनई की तरकारी बनाना सिखाते हैं. इस मौसम में सनई को लोग खेत में बोते हैं और थोड़ा सा बड़ा होने के बाद उसे जोत कर पलटवा कर खेत में 2-3 दिन तक पानी भर देते हैं, जिस से इस के पौधों से बहुत अच्छी हरी खाद बनती है और खेत उर्वरकता से भर जाता है.

सनई के फूल में कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर प्रमुख हैं. इस साग में मौजूद कैल्शियम हृदय की धड़कन को सामान्य बनाए रखने और मांसपेशियों की सामान्य क्रियाशीलता में भी सहायक होता है, वहीं फाइबर मोटापा, मधुमेह और हृदय रोगों की आशंकाओं को कम करता है. फाइबर कब्ज और कुछ प्रकार के कैंसर से बचाव और नियंत्रण में भी सहायक है. सनई के फूल में थोड़ी मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है.

वैसे, सरसों, मिर्च, मेथी, जीरा और अजवाइन के संयोग से बनने वाला सनई का साग सिर्फ स्वाद में ही बेमिसाल नहीं है, बल्कि सेहत का भी खजाना है.

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तो चलिए हम सनई के फूलों से सब्जी बनाना सीखते हैं :

सामग्री

* धुले हुए सनई के फूल

* काली सरसों

* साबुत धनिया

* हलदी

* लहसुन की एक कली और प्याज

* साबुत जीरा

* लाल मिर्च (3-4)

* अमचूर स्वादानुसार

* नमक स्वादानुसार

* तेल

बनाने की विधि

सनई के फूलों को अच्छी तरह से धो लें, क्योंकि फूलों के अंदर छोटेछोटे कीड़े होते हैं. इस के बाद साबुत सरसों, लाल मिर्च, धनिया, लहसुन, हलदी, जीरा सभी को सिलबट्टे पर पानी की छींटें मार कर बारीक पीस लीजिए. फिर सनई के फूलों में पिसे मसाले, नमक स्वादानुसार, थोड़ा अमचूर, थोड़ा सा तेल डाल कर अच्छी तरह से मिक्स कर लीजिए. 10 मिनट के लिए मैरिनेट होने के लिए रख दें.

उस के बाद एक मोटे तले की मिट्टी की मटकी ले कर उस में बाकी बचे तेल को डालें और फिर मसालों में लिपटे सनई के फूल को मटकी में भर कर उसे बंद कर दें. इसे धीमी आंच पर अंगीठी पर रख कर पकने दें. जब बन कर तैयार हो जाए, तो गरमागरम रोटियों के साथ परोसिए.

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